छत्तीसगढ़

पौष अमावस्या तिथि को कंकड़ आकृति सूर्य ग्रहण आज – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सूर्य ग्रहण आज 26 दिसंबर को - इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्य छत्तीसगढ़ गरियाबंद...

न्यू ईयर मनाने बडी संख्या में बडे शहरों से पहुचते है पर्यटक – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद । गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में अनेक पुरातात्विक व...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में नहीं है ब्लेक पैंथर, बाघ नहीं मिलने की नाकामी छुपाने वन विभाग ने उड़ाई है झूठी अफवाह – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में नहीं है ब्लेक पैंथर, बाघ नहीं मिलने की नाकामी छुपाने वन विभाग ने उड़ाई है...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हाथियो की है धूम परन्तु टाईगर रिजर्व से बाघ हो गया है गुम – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हाथियो की है धूम परन्तु टाईगर रिजर्व से बाघ हो गया है गुम – तीव...

मैनपुर में शहीद वीर नारायण शहादत दिवस पर जुटे भारी संख्या में आदिवासी समाज के लोग- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

विशेष संवाददाता जीवन लाल सोनी सर्वोच्य छत्तीसगढ़ मैनपुर । सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले आज सोमवार को सैकडो आदिवासियों...

गोपालपुर में आयोजित सात दिवसीय रा.से.यो. शिविर का समापन – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर । नवीन शासकीय महाविद्यालय मैनपुर सेवा योजना सात दिवसीय शिविर संपन्न ग्राम...

हर वर्ष धान कटाई के बाद ग्रामीण क्षेत्रो में मड़ाइ (मेला) को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है मड़ाई से गांव में खुशिया,प्रेम आपसी सदभावना बनी रहती है,- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद मैनपुर क्षेत्र के ग्रामों में अब मडाई का दौर प्रारंभ - इतेश सोनी जिला ब्यूरो...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कैमरा चोरी मामले में वन विभाग ने पुलिस को बनाया है बलि का बकरा – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कैमरा चोरी मामले में पुलिस को बनाया गया है बलि का बकरा – तीव कुमार...

जलाऊ लकडी लेने ग्रामीण जंगल गया था, और हाथियों के हमले से मौत- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद । उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र कुल्हाडीघाट के बफर जोन...

कोनारी पहुचे विधायक पुजारी का ग्रामीणों ने किया गाजे बाजे के साथ स्वागत- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर। बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी आज शनिवार शाम को मैनपुर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।