न्यू ईयर मनाने बडी संख्या में बडे शहरों से पहुचते है पर्यटक – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद
इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद
सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद । गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में अनेक पुरातात्विक व प्राकृतिक पर्यटन स्थल विद्यमान है यह पर्यटन के तमाम संभावनाए मौजूद है जंहा नया वर्ष मनाने बडी संख्या मंे क्षेत्र सहित बडे शहरो से पर्यटक हर वर्ष पहुचते है और अभी से पर्यटकों के पहुचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है खासकर क्षेत्र के पर्यटन स्थलो में क्रिसमस पर्व के बाद बडी संख्या में पर्यटक बडे शहरो से पहुचने लगते है 31 दिसम्बर और 01 जनवरी को तो क्षेत्र के पर्यटन स्थलो में मेंला जैसे माहौल देखने को मिलता है नया वर्ष का पर्व मनाने के लिये मैनपुर क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन व धार्मिक स्थलो में पर्यटको की भारी भीड़ लगेगी, क्षेत्र के उदंती अभ्यारण जो राजकीय पशु वन भैंसो के नाम से विख्यात है जहां कई दूर्लभ वन्यप्राणी भारी संख्या मे पाये जाते है
खासकर बड़े शहरो के लोग यहां पहुंचते है और यहां पर्यटको के लिये जुंगाड़ ईको सेंटर कोयबा मे विश्राम गृह भी बना हुआ है लोग वनभैंसा संरक्षण केन्द्र तक पहुंचकर राजकीय दूर्लभ पशु वनभैंसो को बहुत अधिक नजदीक से देखने का सौभाग्य प्राप्त करते है,वही दुसरी ओर क्षेत्र के धार्मिक स्थल के रूप मे माने जाने वाले पैरी उद्गम स्थल भाठीगढ़, चैकशील मे भी श्रध्दालु पहुंचकर नये वर्ष के स्वागत के साथ यहां देवी देवताओ की पूजा अर्चना कर वर्ष भर सुख शांति की कामना करते है, भाठीगढ़ पहाड़ी के उपर मां पैरी के मंदिर मे एक जनवरी को काफी भीड़ देखने को मिलती है तो क्षेत्र के ही सिकासार जलाशय व यहां से लगे धमतरी जिले के सोंदूर जलाशय मे भी पर्यटको की अपार भीड़ देखने को मिलती है।
क्षेत्र के पर्यटन स्थल देवदहरा व सिकासार में आज भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नही है पर्यटक यहा आते तो है लेकिन उन्हे जो सुविधाए मिलनी चाहिए नही मिल पाती कई बार देव दहरा व सिकासार में दुर्घटनाए घट चुकी है बावजूद इसके प्रशासन द्वारा सुरक्षा के इंतजाम नही किये गए है पर्यटकों मे हमेशा दुर्घटनाओं को लेकर डर बनी रहती है शासन प्रशासन को चाहिए पर्यटको के लिए यहां प्रर्याप्त सुविधाए व दुर्घटना वाले क्षेत्रों में सुरक्षा के इंतजाम रेलिग व अन्य सुविधाए उपलब्ध कराई जाएवें।
पैरी उदगम भाठीगढ़
तहसील मुख्यालय मैनपुर से 03 किमी दूरी पर स्थित क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल भाठीगढ़ पर्वत श्रृंखला जिसकी पहचान पूरे राज्य के साथ साथ देश मे मां पैरी की उद्गम स्थली के रूप मे होती है क्षेत्र का प्रमुख ऐतिहासिक धर्म भूमि होने के साथ साथ भाठीगढ़ पूरे प्रदेश भर मे आस्था का केन्द्र है, इस पवित्र व धार्मिक पृष्ठ भूमि भाठीगढ़ को देखने व जानने के लिए हर पर्व मे श्रध्दालु भक्तो की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है, पैरी उद्गम स्थित भाठीगढ़ शिव मंदिर प्रदेश के जाने माने शिवालयो मे एक है इस शिवालय मे सच्चे मन से जो भी मुरादे मांगी जाती है उसे भगवान शिव अवश्य ही पूरा करते है इसलिये प्रदेश के कोने कोने से शिवभक्त यहां साल दर साल बड़ी संख्या मे पूरी आस्था और श्रध्दा के साथ पहुंचते है,
पैरी उद्गम स्थल भाठीगढ़ पहाड़ी काफी मनोरम है इस पहाड़ी मे झरने नदी नाले व दुर्लभ वन्यप्राणी विचरण करते दिखाई देते है, इसी पहाड़ी के उपर लगभग एक हजार फीट की उंचाई मे बड़े पत्थरो के बीच से पैरी नदी का जन्म हुआ है जिससे लगातार पानी की धार बारहो मास बहती ही रहती है और यहां कुण्ड के साथ मंदिर का निर्माण किया गया जो भी भक्त भाठीगढ़ शिवालय पहुंचते है वे माता पैरी के मंदिर पहाड़ी के उपर पूजा अर्चना करने जाते है और यहां तक पहुंचने के लिये शासन द्वारा व ग्रामीणो के सहयोग से सीढ़ियो का निर्माण किया जा चुका है।