उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हाथियो की है धूम परन्तु टाईगर रिजर्व से बाघ हो गया है गुम – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में हाथियो की है धूम परन्तु टाईगर रिजर्व से बाघ हो गया है गुम – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी
मैनपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र कुल्हाडीघाट के बफर जोन एरिया आमामोरा, ओंड, कुकराल, नगरार, हथौडाडीह के ग्रामो में पिछले दो माह से 30 – 35 जंगली हाथियों का दल जमकर उत्पात मचा रहा है परन्तु उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व से बाघ ना जाने कहा गुम हो गया है | इसी परिक्षेत्र से लगे धवलपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पंडरीपानी के जंगल में बीते रात हाथियों ने एक ग्रामीण को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया है जिसकी जानकारी रविवार सुबह वन विभाग को ग्रामीणों द्वारा देने पर वन अमला मौके पर पहुचकर शव को पोस्टमार्डम के लिए भिजवाया गया और मृतक के परिजनों को तत्काल 25 हजार रूपये की मुआवजा राशि प्रदान की गई है,
गरियाबंद वनमंडलाअधिकारी मंयक अग्रवाल ने बताया कि वन मंडल गरियाबंद अंतर्गत धवलपुर रेंज के पडरीपानी गांव के निवासी वीरसिहं पिता झडीराम उम्र 55 वर्ष शनिवार शाम को जलाऊ लकडी लेनें जंगल गया था लेकिन आज रविवार सुबह जंगल में वीरसिंह की शव बरामद हुई है ग्रामीणों के अनुसार पडरीपानी गांव से लगे कम्पाटमेंट नंबर 775 जो कि पहाडी सीमावर्ती क्षेत्र पिछले कुछ दिनों से हाथियों का दल पडरीपानी के समीप मुरमुरा जंगल में देखा गया है ग्रामीण वीरसिह की मौत हाथियों के हमले से हुआ है हाथियों द्वारा वीरसिंह को पटकर और पैरों से रौंदकर मारा गया है ऐसे ग्रामीणों व वन अमला से जानकारी मिली है |
उल्लेखनीय है की पिछले 3 – 4 साल से उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व मेंहाथियों की धूम मची हुई है परन्तु टाईगर रिजर्व से बाघ गुम हो गया है | तीन – चार साल से उड़ीसा के हाथी लगातार टाईगर रिजर्व के जंगलो में आ जा रहे है परन्तु बाघ का कही भी पता नहीं चल रहा है | बाघ का केवल वन विभाग के अधिकारियों के बयान में ही पता चलता है जो की बाघ के प्रमाण नहीं मिलने के बाद भी टाईगर रिजर्व में बाघ होने का लगातार दावा करते रहते है |
बाघ का तो पता नहीं पर 30 – 35 हाथी आ धमके टाईगर रिजर्व के जंगल में
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ का कोई भी पता नहीं है पर अभी पिछले माह शनिवार को सुबह 5 बजे अचानक लगभग 30-35 की संख्या में दो हाथियों का दल चिंघाड़ते हुए ग्राम ओंड में प्रवेश कर गया। अचानक हाथियों की चिंघाड़ सुन ग्रामीण जान बचाने सरकारी भवनों पर चढ़ गए तो कोई घरों में दुबक गया। सुबह 5 बजे पहुंचा हाथियों का दल अपने साथी शावक को छुड़ा ले गया, उनसे बिछड़कर यहां रह गया था। उल्लेखनीय है कि उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र कुल्हाड़ीघाट पहाड़ी पर पिछले माह तक 20-25 हाथी फसल रौंदकर वापस ओडिशा की तरफ चले गए थे लेकिन 4 साल का शावक अस्वस्थ रहने के कारण आमामोरा ओड़ के जंगल में रह गया था जिसकी मौत हो चुकी है | अब सभी हाथी लगातार इसी इलाके में डेरा जमाये हुए है परन्तु बाघ कहा गुम हो गया है किसी के पास इसका कोई भी जवाब नहीं है |