शिवशंकर सोनपिपरे

विकासखंड स्तरीय मैराथन दिलीप एवं पूजा अव्वल – पत्रकार इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

पत्रकार इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद गरियाबंद / छुरा:- खेल एवं युवा कल्याण विभाग जिला गरियाबंद द्वारा विकासखंड स्तरीय...

त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में. दिग्गज नेताओ ने सम्भाला मोर्चा.

बालोद जिले में पंचायत चुनाव में दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओ ने अपनी अपनी पार्टी समर्थित प्रत्याशीयों के पक्ष...

नदी किनारे तटबंध निर्माण की मांग करते थके किसान तहसील से लेकर कलेक्टरेट तक आवेदन नही हुई कोई कार्यवाही – क्षेत्र के किसान ( इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद )

मैनपुर - पिछले वर्षो की बारिश से और साल दर साल नदी किनारे कि कृषि भुमि लगातार टूटकर नदी मे...

जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 3 से भोला भैया जगत कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रहे – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सभी प्रत्याशियों ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर...

जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक.13 में रानी पवन धीवर की दावेदारी मजबूत

आरंग---------------- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के 4 दिन पूर्व प्रचार व जनसम्पर्क को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। गांव की...

सीएए-एनपीआर-एनआरसी : देश को दास युग में धकेलने की साजिश

◆ पहले सीबीए आएगा। सभी शरणार्थियों को नागरिकता मिल जाएगी। उसके बाद एनआरसी आएगी। इसलिए शरणार्थियों को चिंता करने की...

श्री राम कथा का आयोजन 21 से 27 जनवरी तक दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में …..

रायपुर।श्री राम कथा के दूसरे दिन आज संत श्री विजय कौशल जी महाराज ने जीवन में माता-पिता और गुरु के...

क्षेत्रवासियों के हित के लिए ही चुनावी मैदान में उतरा हूं – मनोज मिश्रा ( इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद )

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद मैनपुर इतेश सोनी / त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सभी प्रत्याशियों ने अपना चुनाव प्रचार तेज...

क्षेत्र के विकास के लिए ही कार्य करूंगा – बलदेव राज ठाकुर । इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद/ मैनपुर । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सभी प्रत्याशियों ने अपना चुनाव...

27 जनवरी को रायपुर में हंसाने आ रहे हैं देश के पहले स्डैंडअप कॉमेडियन केके नायकर

रायपुर. स्काईलैब क्यों और कैसे गिरने वाला था? क्या होता है अंग्रेजी फिल्म के ट्रेलर में ? नल पर झगड़े...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।