शिवशंकर सोनपिपरे

जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने किया क्षेत्र का दौरा, अधिकारियों को दिए निर्देश- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर । जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर लगातार क्षेत्र के दौरे पर है, लॉकडाउन में लोगो को समस्याएं...

कांग्रेस नेता की पहल पर एंबुलेंस के जरिए 1600 किंमी दूर भेजा गया पार्थिव देह- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

गरियाबन्द - ट्रेक्टर चलाकर खेत बनाने का ब्यवसाय कर रहे राजस्थान निवासी की मौत हुई,अंतिम संस्कार में परिजन नही आ...

रबी फसल की धान खरीदी 21 अप्रैल से… कलेक्टर रजत बंसल ने कृषि उपज मंडी श्यामतराई का निरीक्षण कर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश….

छत्तीसगढ़/धमतरी -- जिले में रबी फसल के धान की खरीदी 21 अप्रैल से की जाएगी। इसके मद्देनजर कलेक्टर रजत बंसल...

लाॅकडाउन के दौरान विविध गतिविधियों में शिथिलीकरण- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

गरियाबंद - कलेक्टर एवं जिला दण्ड़ाधिकारी श्री श्याम धावड़े द्वारा भारत सरकार गृह विभाग के निर्देशानुसार लाॅकडाउन अवधि को गरियाबंद...

मास्क की अनिवार्यता का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरूध्द भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा ने पीएम एवं सीएम से की कार्यवाही की मांग- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

गरियाबंद। लॉक डाउन के दौरान ओड़िशा सीमा से लगे गांव भूतबेड़ा, गरीबा और मौहानाला का निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम अंकिता...

गांवों में कार्यरत रुलर मेडिकल एसोसिएशन ने 46000 रुपये राहतकोष में जिला प्रशासन के माध्यम से भेजा मुख्यमंत्री को….

बालोद । छत्तीसगढ़ रूरल मेडिकल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन, बालोद ने जिला प्रशाशन को 46000 रुपया का डिमांड ड्राफ्ट डिप्टी कलेक्टर अभिषेक...

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ नवरत्न ने ओड़िसा सीमावर्ती ग्रामो का किया दौरा- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

मैनपुर:- तहसील मुख्यालय मैनपुर के दूरस्थ वनांचल ओड़िसा सीमावर्ती ग्राम गरीबा, घोटियाभर्री, गौरगांव सहित शोभा, गोना, कुचेंगा क्षेत्र में दौरे...

घरेलू बाजार बंद रखकर ऑनलाइन कारोबार को अनुमति देने का विरोध किया माकपा ने

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी* ने कोरोना संकट के बहाने और फिजिकल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के नाम पर देश में घरेलू बाजार...

वक्ता मंच ने राशन के 100 पैकेट वितरित किये

रायपुर।लॉक डाउन से प्रभावित गरीबो,जरुरतमंदो एवं मजदूरों हेतु सामाजिक संस्था वक्ता मंच द्वारा जारी राहत कार्य का आज लगातार 19...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।