शिवशंकर सोनपिपरे

गरियाबंद/ जिला पंचायत के सी.ई.ओ ने ली अधिकारियों की बैठक – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद गरियाबंद । कलेक्टर श्री श्याम धावड़े के निर्देश पर आज अधिकारियों की...

परीक्षा पर चर्चा मैनपुर हाई स्कूल में बच्चो ने प्रधानमंत्री मोदी को सुना – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ न्यूज मैनपुर/इतेश सोनीः- तहसील मुख्यालय मैनपुर स्थित शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक...

कांग्रेश प्रत्याशी स्मृति ठाकुर ने प्रचार कर लोगों से मांगा समर्थन – मानसिंग सोनी देवभोग

गोहरापदर न्यूज़ -: 2020 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तूरही बजने से पहले राजनीतिक दल और निर्दलीय प्रत्याशियों ने क्षेत्र में...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डाक्टर है की यमराज, जिस जानवर का भी इलाज करते है वो मर जाता है – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डाक्टर है की यमराज, जिस जानवर का भी इलाज करते है वो मर जाता है...

मैनपुर/19 जनवरी को मैनपुर में पोलियो की दवाई बच्चों को पिलाई गई – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

पत्रकार इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद मैनपुर। पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान 19 जनवरी, 2020 को मनाया जा रहा है...

मनरेगा से स्वीकृत तालाब गहरीकरण कार्य करने जेसीबी से खुदाईतो मनरेगा मजदूरी देगा किसको – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद छुरा:-गरियाबंद जिला में मनरेगा के कार्यों में मनमर्जी की इबारत लिखने का काम वर्षों...

सचिव भोजनाथ भाठी के खिलाफ पुलिस में की गयी है शिकायत, सचिव ने सुचना आयोग को 50,000 रुपये रिश्वत दे कर R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसाया है

सचिव भोजनाथ भाठी के खिलाफ पुलिस में की गयी है शिकायत, सचिव ने सुचना आयोग को 50,000 रुपये रिश्वत दे...

सड़क सुरक्षा सप्ताह समापन पर दिया सन्देश, आमजन की जागरूकता से हादसों में आ सकती है कमी – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद मैनपुर। सड़क सुरक्षा सप्ताह का समापन आज थाना प्रभारी मैनपुर श्रीमान संतोष भुआर्य की...

नागरिकता कानून, बेरोजगारी, निजीकरण और शिक्षा परिसरों में हमलों के खिलाफ 23-30 जनवरी तक देशव्यापी अभियान चलाएगी किसान सभा

नागरिकता कानून वापस लेने और जनसंख्या व नागरिक रजिस्टर बनाने की प्रक्रिया पर रोक लगाने, बढ़ती बेरोजगारी, सार्वजनिक उद्योगों और...

सुचना आयोग के अधिकारियों ने पंचायत सचिव भोजनाथ भाठी से पचास हजार रुपये ले कर R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसाया

सुचना आयोग के अधिकारियों ने पंचायत सचिव भोजनाथ भाठी से पचास हजार रुपये ले कर R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।