उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डाक्टर है की यमराज, जिस जानवर का भी इलाज करते है वो मर जाता है – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डाक्टर है की यमराज, जिस जानवर का भी इलाज करते है वो मर जाता है – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी
मैनपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उदंती अभ्यारण्य राजकीय पशु वन भैसा के नाम से पुरे देश में विख्यात है लेकिन तेजी से घट रहे वन भैंसों की संख्या चिंता का विषय बनता जा रहा है, उदंती अभ्यारण्य में एक राजकीय पशु वन भैंसा प्रिंस पिछले एक माह से आंख में गंभीर चोट व संक्रमण बढने के कारण वन भैंसा को ठीक से दिखाई नही देने के कारण चलने फिरने में असमर्थ होता जा रहा है और तो और इस घायल वन भैसा के इलाज के लिए जंहा डब्लूटीआई नई दिल्ली के डाक्टरों के साथ नंदनवन के डाक्टर लगातार दो से तीन बार उदंती अभ्यारण्य पहुचकर घायल वन भैसा का उपचार कर रहे है वही पिछले दिनों इस भैसा के इलाज के लिए हैदराबाद से भी डाक्टरो की टीम उदंती अभ्यारण्य पहुचा था, लेकिन अभी तक वन भैसा प्रिंस स्वस्थ्य नही हो पाया है और वन भैंसा की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है | इसके पूर्व भी चार वन भैसों और एक हाथी की तबियत खराब हुई थी उन वन भैसों और हाथी की मौत डाक्टरों के द्वारा इलाज के दौरान हुई है |
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डाक्टर है की यमराज है जिस जानवर का भी इलाज करते है वो मर जाता है
सवाल यह उठता है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जो डाक्टर है वो डाक्टर है की यमराज है क्योकि उन डाक्टरों ने आज तक जिन जानवरों का भी इलाज किया है वो जानवर ज़िंदा नहीं बचा है | जिन जानवरों की मौत डाक्टरों के द्वारा इलाज के इलाज के दौरान हुई है उसका विवरण निम्न है –
(01) – 2010 के पहले एक वन भैसा बीमार हुआ था जिसका उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर ने इलाज किया था परन्तु इलाज के दौरान ही वो वन भैसा मर गया था |
(02) – लगभग दो वर्ष पूर्व मैनपुर से महज 06 किलोमीटर दुर बरदूला जंगल के पास एक वन भैंसा की लाश वन विभाग को उसके मृत्यू के चार दिन बाद पता चला था वो वन भैसा भी घायल था उसका इलाज उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर ने किया था | डाकटर के इलाज के बाद वो वन भैसा मर गया था |
(03) – एक वर्ष पहले एक राजकीय पशु वन भैसा जूगाडू की मौत घायल होने से इलाज के दौरान हो गई थी दो वर्ष के भीतर लगातार दो वन भैसों की मौत और कई वन भैसे के घायल होने की खबर लगातार मुख्यालय तक पहुचती रही है जो वन विभाग द्वारा वन भैसों के सुरक्षा के प्रति किए जा रहे दावों पर प्रश्न चिन्ह और सवाल खडे करते रही है।
(04) – उदंती अभ्यारण्य से एक राजकीय पशु रामू वन भैसा पिछले 05 वर्षो से गायब है | उस समय वन भैसा रामू भी घायल था उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर के द्वारा उक्त घायल वन भैसे का इलाज किया जा रहा था | अचानक इलाज के दौरान ही वो वन भैसा गायब हो गया था | वास्तविकता यह है की वो वन भैसा गायब नहीं हुआ था बल्कि इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गयी थी बदनामी से बचने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने वन भैसा रामू को वाही जंगल में ही दफना दिया होगा |
(05) – अभी तीन माह पहले हाथियों का दल उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जंगल में आया था जिसमे से एक हाथी का बच्चा दल से बिछड़ गया था और बीमार हो गया था | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टरों ने उस बीमार हाथी के बच्चे का इलाज किया और हाथी का बच्चा भी मर गया |
(06) – डाक्टरों के पिछले रिकार्ड को देखते हुए अब यह आशंका बन रही है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टरों के इलाज के दौरान ही वन भैसा प्रिंस की भी मौत ना हो जाए |
इस प्रकार उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टरों के इलाज किये जाने से उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जानवरों की लगातार मौत हो रही है | अब सवाल यह उठता है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर क्या वास्तव में डाक्टर ही है या यमराज के अवतार है जो उनके हाथ लगाते ही जानवर मर जाते है | या फिर वे नाम के डाक्टर है उनको इलाज करना नहीं आता है |
वन भैसों की निगरानी के लिए कालर आई डी लगाना और केयर टेकर रखना केवल दिखावा है
वन भैसांे की सुरक्षा और निगरानी को लेकर लगातार उठता रहा है सवाल उदंती अभ्यारण्य में राजकीय पशु वन भैंसा के संरक्षण और संवर्धन के लिए वन विभाग द्वारा रेस्क्यू सेंटर का निर्माण कर बाडे के भीतर वन भैंसों को रखकर इसका सरंक्षण और संवर्धन किया जा रहा है और लाखो ,करोडो रूपये अब तक खर्च किया जा रहा है और तो और वन भैंसों के गले मंे काॅलर आईडी लगाकर इसकी पल पल की खबर राजधानी में बैठे आला अधिकारियों द्वारा लिया जा रहा है और वन भैसों के सुरक्षा के लिए केयर टेªकर भी नियुक्त किया गया है जो वन भैंसो के गतिविधियों की जानकारी वन अफसरों तक पहुचाते रहते है बावजूद इसके उदंती अभ्यारण्य में वन भैंसों के घायल होने और पिछले दो वर्षो में दो वन भंसों की मौत उनके सुरक्षा को लेकर कई सवाल खडे करती रही है |
अधिकारियों का क्या कहना है –
(01) – प्रिंस वन भैसा के एक आंख बाया पहले से खराब हो गई, लेकिन दाया आंख में भी संक्रमण फैलने से उसका इलाज किया जा रहा है यह वन भैंसा का उम्र 12 वर्ष के आसपास है | घायल प्रिंस वन भैंसा के आंख के इलाज के लिए हैदराबाद से भी विशेषज्ञों और डाक्टरों की टीम पहुचे हुए थे लगातार इलाज जारी है | किसी भी जानवर के इलाज में लापरवाही नहीं बरती जाति है जानवरों को बचाने का भरकस प्रयास किया जाता है |
– डब्लू टी आई नई दिल्ली के डाक्टर आर.पी.मिश्रा
(02) – उदंती अभ्यारण्य के वन परिक्षेत्र अधिकारी टी.आर.नरेटी ने बताया कि
प्रिंस वन भैंसा के आंख का इलाज लगातार जारी है, और रामू वन भैंसा जो
उदंती अभ्यारण्य से गायब हो गया है इसकी खोज खबर के लिए पूर्व में सीतानदी
अभ्यारण्य के अधिकारियों से सम्पर्क किया गया था लेकिन वन भैंसा कहा है इसकी
अधिकृत जानकारी विभाग को भी नही है।
टी.आर.नरेटी वन परिक्षेत्र अधिकारी
उदंती अभ्यारण्य