सुचना आयोग के अधिकारियों ने पंचायत सचिव भोजनाथ भाठी से पचास हजार रुपये ले कर R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसाया

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सुचना आयोग के अधिकारियों ने पंचायत सचिव भोजनाथ भाठी से पचास हजार रुपये ले कर R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसाया |

रायपुर | छ.ग. राज्य सुचना आयोग का गठन R.T.I. आवेदकों को न्याय प्रदान करने व आवेदकों को जानकारी दिलाने के लिए किया गया था परन्तु छ ग राज्य सुचना आयोग के अधिकारी सुचना आयोग को पैसा कमाने का केंद्र बना लिए है | सुचना आयोग में वहा के अधिकारियों के द्वारा जानकारी नहीं दिए जाने के लिए जन सुचना अधिकारियों से पैसो का मोल भाव किया जाता है फिर सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा माँगी गयी राशी देने के लिए जब जन सुचना अधिकारी तैयार हो जाता है तब R.T.I. आवेदकों को आवेदन वापस लेने के लिए दबाव डाला जाता है | यदि R.T.I. आवेदक आवेदन वापस लेने के लिए तैयार नहीं होता है तो R.T.I. आवेदकों के विरुद्ध झूठा शिकायत पत्र लिखवा कर आयोग में शिकायत करवाया जाता है | सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा R.T.I. आवेदकों को इस प्रकार झूठे मामले में फंसाए जाने के कृत्य के संबंध में वर्ष 2014 में शासन प्रशासन को शिकायत किया गया था | शिकायत किये जाने पर शासन प्रशासन के द्वारा कार्यवाही किया गया था जिसके उपरांत सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा R.T.I. आवेदकों को झूठे मामले में फंसाया जाना बंद कर दिया था | परन्तु अब फिर से सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा R.T.I. आवेदकों को झूठे मामले में फंसाना आरम्भ कर दिया गया है| सुचना आयोग के अधिकारियों के द्वारा कई R.T.I. आवेदकों को झूठे मामले में फंसाया गया है | इसी प्रकार का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जिसमे सुचना आयोग के अधिकारियों ने ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल के सचिव भोजनाथ भाठी से पचास हजार रुपये ले कर R.T.I. आवेदक मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसाया है | इस मामले में सुचना आयोग के अधिकारियों और सचिव भोजनाथ भाठी की शिकायत राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, मुख्यमंत्री, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से की गयी है |

ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल के सचिव भोजनाथ भाठी ने किया है लाखो का गबन

ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल के सचिव भोजनाथ भाठी ने शौचालय निर्माण कार्य में 10,00,000 ( दस लाख रुपया ) कमाया है | सचिव भोजनाथ भाठी ने बिना पंचायत प्रस्ताव के लाखो रुपये का फर्जी आहरण किया है | सचिव भोजनाथ भाठी के द्वारा बेक डेट में लाखो का चेक काट कर राम पंचायत की शासकीय राशि का गबन किया गाया है |

ग्राम पंचायत की जानकारी के लिए मुकेश सोनी ने लगाया था R.T.I. आवेदन

ग्राम पंचायत मुड़गेलमाल से जानकारी प्राप्त करने के लिए मुकेश सोनी ने दिनांक 01.08.17 को आवेदन प्रस्तुत किया था | जानकारी प्राप्त नहीं होने पर दिनांक 05.09.17 को प्रथम अपील आवेदन प्रस्तुत किया गया था | प्रथम अपील में भी जानकारी प्राप्त नही होने पर दिनांक 26.02.18 को सुचना आयोग में  द्वितीय अपील आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसका प्रकरण क्रमांक A/803/2018/गरियाबंद है |

प्रकरण की प्रथम सुनवाई दिनांक 16.08.18 को ही मुकेश सोनी को फंसाने बना लिया गया था योजना

सुचना आयोग में अपील प्रकरण की प्रथम सुनवाई दिनांक 16.08.18 को की गयी थी | उस दिन ही सुचना आयोग में मुकेश सोनी को फँसाने के लिए पूरी योजना बना लिया गया था | सुचना आयोग के अधिकारियों ने मुकेश सोनी से पूछा की आवेदन क्यों लगाये हो तब मुकेश सोनी ने उनको बताया की सचिव के द्वारा लाखो का भ्रष्ट्राचार किया गया है |

       तब मुकेश सोनी के सामने ही सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव से कहा की तुम लाखो का भ्रष्ट्राचार किये हो एक लाख हमें दो फिर आयोग से मामला रफा दफा करवा देंगे | इस प्रकार के वार्तालाप को सुन कर मुकेश सोनी ने आपत्ति दर्ज कराया तो उन्होंने अनसुना कर दिया |

       तदुपरांत सुचना आयोग के अधिकारियों और सचिव के बिच 50,000 (पचास हजार रुपये) मे सुचना आयोग से मामला रफा दफा करवाने की सहमति हुई | और सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव से मुकेश सोनी के द्वारा पैसा माँगने का झूठा शिकायात पत्र लिखवाया |  

सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव को बताया की शिकायत पत्र में घटना का दिनांक जनवरी 2018 लिखना है

सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव को बताया की शिकायत पत्र में घटना का दिनांक जनवरी 2018 लिखना है | सुचना आयोग के अधिकारियों ने सचिव को बताया की मुकेश सोनी ने सुचना आयोग में द्वितीय अपील फ़रवरी 2018 में प्रस्तुत किया है इसलिए शिकायत पत्र में पैसा मांगे जाने का घटना का दिनांक फ़रवरी 2018 से एक माह पहले का लिखना होगा इसलिए घटना का दिनांक जनवरी 2018 लिखना है | इस प्रकार सुचना आयोग में सचिव से पेशी दिनाक 16.08.18 को मुकेश सोनी के विरुद्ध झूठा शिकायत पत्र लिखवाया गया | मुकेश सोनी ने पूरी बातचीत को सुना और यह समझा की ये सारा नाटक उसे डराने के लिये किया जा रहा है |

पेशी दिनांक 16.08.18 को सचिव का शिकायत पत्र नहीं लिया गया क्योकि सचिव ने सुचना आयोग के अधिकारियों को पैसा नहीं दिया था

सुचना आयोग के अधिकारियों और सचिव के बिच 50,000 (पचास हजार रुपये) मे सुचना आयोग से मामला रफा दफा करवाने की सहमति हुई परन्तु पेशी दिनांक 16.08.18 को सचिव का शिकायत पत्र नहीं लिया गया क्योकि उस दिनांक को सचिव ने सुचना आयोग के अधिकारियों को पैसा नहीं दिया था | सचिव ने सुचना आयोग के अधिकारियों को 5 महिने के बाद दिनाक 28.03.19 को 50,000 (पचास हजार रुपये) दिया तब दिनाक 28.03.19 को सचिव का झूठा शिकायत पत्र सुचना आयोग के अधिकारियों ने लिया और मुकेश सोनी को झूठे मामले में फंसा दिया गया है |  

इस प्रकार साजिश कर के एक गरीब व निर्दोष मुकेश सोनी को सचिव और सुचना आयोग के अधिकारियों ने झूठे मामले में फंसाया है |

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