छत्तीसगढ़

क्या कहा प्रकास बजाज ने मंत्री सिडी मामले में सबसे अहम किरदार प्रकाश बजाज मीडिया के सामने

छत्तीसगढ के पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर राजेश मूणत की कथित अश्लील सिडी के मामले में एफआईआर करनेवाले प्रकाश बजाज इस घटनाक्रम के...

विनोद वर्मा को अभी रहना होगा जेल में…कोर्ट ने खारिज की जमानत की याचिका

रायपुर 6 नवंबर 2017। सेक्स सीडी मामले में आरोपी पीसीसी चीफ़ भूपेश बघेल के मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा पर ज़मानत...

राज्योत्सव भ्रमण के लिए राजधानी आये बीजापुर के बच्चों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज यहां उनके निवास में बीजापुर जिले के स्कूली बच्चों और महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने...

महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद माननीय श्री चंदूलाल साहू जी आज धमतरी में कबीर सत्संग कार्यक्रम, गुरुनानक जयंती पर आयोजित सिंधी समाज के आम लंगर एवं भंडारा कार्यक्रम तथा भागवत कथा कार्यक्रम में शामिल हुए।

उक्त कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए सांसद महोदय ने कहा कि सभी समाज के धर्मगुरुओं द्वारा समाज कल्याण...

बीजापुर : विकास की राह में अग्रणी बनेगा बीजापुर- गागड़ा

वनमंत्री ने किया राज्योत्सव व विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ गैस कनेक्शन व तेन्दुपत्ता प्रोत्साहन राशि की मिली सौगात बीजापुर 03 नवबंर 2017 छत्तीसगढ़...

महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद माननीय श्री चंदूलाल साहू जी आज ग्राम सिलिडीह (कुरुद ) में गोपाष्टमी महोत्सव एवं नवीन गौशाला शेड के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए।

उक्त कार्यक्रम में सांसद जी ने अपने उदबोधन में कहा कि गौमाता में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता...

रायपुर : मुख्यमंत्री शामिल हुए विश्व खाद्य प्रसंस्करण मेले में : निवेशकों को छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने का न्यौता

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज नई दिल्ली में आयोजित विश्व खाद्य प्रसंस्करण मेले में शामिल हुए और मेला...

रायपुर : राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ सहित गुजरात और ओडिसा के कलाकारों ने प्रस्तुत किये सांस्कृतिक कार्यक्रम

नया रायपुर में पंडित श्यामा प्रसाद मुखजी औद्योगिक परिसर में आयोजित राज्योत्सव के कार्यक्रम स्थल पर दूसरे दिन छत्तीसगढ़, गुजरात...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।