छत्तीसगढ़

कहाँ की छत्तीसगढ़ के “मुखिया ” ने ई- रिक्शे की सवारी

मुख्यमंत्री ने की ई-रिक्षे की सवारी बेमेतरा 31 मई 2018:-  मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने आज गुरूवार को विकास यात्रा...

कहाँ किया छत्तीसगढ़ के “मुखिया ” ने ई – रिक्शे की सवारी

मुख्यमंत्री ने की ई-रिक्शे  की सवारी बेमेतरा 31 मई 2018:-  मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने आज गुरूवार को विकास यात्रा...

एक तरफ मुझपर आस्था रखकर मेरी पूजा करते हो ,और दूसरी तरफ मुझे और मेरी मंदिर को तोड़ते हो- देवतागण

*एक तरफ मुझ पर आस्था रखकर मेरी पूजा करते हो और दूसरी तरफ मुझे और मेरे मंदिर को तोड़ते हो...

औरंगजेब ने जो घटना घटित कि थी, उससे भी बड़ी घटना काशी में घटित हुई- अविमुक्तेश्वरानंद

  औरंगजेब ने जो घटना घटित की थी उससे भी बड़ी घटना काशी में घटित हुई ::-  अविमुक्तेश्वरानंद भारत के...

मुख्यमंत्री ने किया 158 करोड़ के 56 निर्माण कार्यो का लोकार्पण – शिलान्यास

मुख्यमंत्री ने सम्बलपुर में किया 158 करोड़ के 56 निर्माण कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास ---------- 1=क्षेत्र के 54 गांवों के लिए...

तालाब गहरीकरण , सौंदर्यीकरण और गार्डन का नाम पर भ्र्ष्टाचार बन्द करे महापौर- ओस्तवाल

*तालाब गहरीकरण, सौंदर्यीकरण और गार्डन के नाम पर भ्रष्टाचार बंद करें महापौर - ओस्तवाल* राजनांदगांव। जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के...

श्रम विभाग की योजनाएं जिले के प्रत्येक मजदूरों तक पहुचेगी- मोहन एन्टी

श्रम विभाग की योजनाएं जिले के प्रत्येक मजदूरों के घर तक पहुंचेगी - श्रम कल्याण कर्मकार मंडल अध्यक्ष श्री मोहन...

सौभाग्य योजना के अंतर्गत मीटर तो लगाया गया लेकिन बल्ब नही …

बेमेतरा तेंदुवा नयापारा में सौभाग्य योजना के तहत मीटर लगाया गया लेकिन बल्ब नही दिया गया है ---------- केन्द्र सरकार...

राष्ट्रीय समाजिक संस्था जनसुनवाई फाउंडेशन द्वारा जन पंचायत का आयोजन किया गया…

बेमेतरा बेमेतरा खिलोरा में राष्ट्रीय सामाजिक संस्था जनसुनवाई फाऊंडेशन द्वारा जन पंचायत का आयोजन किया गया ----------- संजू जैन.... बेमेतरा...

भगवान गौतम बुद्ध एवं बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के मूर्ति का अनावरण विधायक दलेश्वर साहू के करकमलों द्वारा किया गया…

डोंगरगांव विधान सभा क्षेत्र के ग्राम गाजमर्रा पथराटोला में भगवान बुद्ध और बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर के मूर्ति का...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।