छत्तीसगढ़

त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के उप निर्वाचन जून 2018 के लिए कार्यक्रम घोषित..

त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के उप निर्वाचन जून 2018 के लिए कार्यक्रम घोषित बेमेतरा 02 जून 2018:- राज्य निर्वाचन...

खसरा- रुबेला से बचाव के लिए बच्चो को टिका जरूर लगवाये- कलेक्टर

खसरा-रूबेला से बचाव के लिये बच्चों को टीका अवश्य लगवायेः-कलेक्टर मिजल्स रूबेला अभियान हेतु कार्यषाला आयोजित बेमेतरा 02 जून 2018:-...

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन इंटरशिप कार्यशाला सम्पन्न…

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यशाला संपन्न बेमेतरा 02 जून 2018:- स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप...

तुलसी बाराडेरा में जवानों एवं गांव वालों ने किया वृक्षा रोपण…

तुलसी बाराडेरा में जवानों एवं गांव वालों ने किया वृक्षा रोपण... तुलसी बाराडेरा में जवानो एवं गांव वालों ने वृक्षा...

थाना तरेगांव क्षेत्रान्तर्गत नक्सली मुठभेड़ में ,मारा गया नक्सली…

थाना तरेगांव क्षेत्रान्तर्गत नक्सली मुठभेड में मारा गया नक्सली सुदीप्तो चटर्जी "खबरीलाल" ::- दुर्ग रेंज के आईजी जी.पी. सिंह के निर्देशन...

अध्यक्ष कृष्णा राठी ने जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष को पुष्प , गुलदस्ता भेंट किये…

साजा समिति अध्यक्ष की मांग पर बैंक अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने दी सौगात साजा- सेवा सहकारी समिति साजा अध्यक्ष कृष्णा...

किस योजना के अंतर्गत काशी में मूर्तियों को तोड़ा गया बताये मुख्यमंत्री- अविमुक्तेश्वरानंद

किस योजना के तहत काशी में मूर्तियों को तोड़ा गया बताएं मुख्यमंत्री :: अविमुक्तेश्वरानंद सुदीप्तो चटर्जी "खबरीलाल" (काशी) ::- काशी...

विभागीय स्टॉल के जरिए दी गई सरकारी योजनाओं की जानकारी …

विभागीय स्टाॅल के जरिए दी गई सरकारी योजनाओं की जानकारी बेमेतरा 31 मई 2018:- विकास यात्रा के दौरान सम्बलपुर में...

मुख्यमंत्री ने कहा -” नवागढ़” सामाजिक सौहाद्र का एक अनोखा “गढ़” है…

बेमेतरा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बेमेतरा जिले का नवागढ़ सामाजिक सौहार्द्र का एक अनोखा ’गढ़’ है, जो सबके लिए...

चंदनु एवं कुरा में नवनिर्मित विधुत उपकेंद्रों का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

चंदनु एवं कुरा में नवनिर्मित विद्युत उपकेंद्रों का सीएम ने किया लोकार्पण लगभग 03 करोड़ 79 लाख की लागत बने...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।