छत्तीसगढ़

23 किलो 700 ग्राम गांजा परिवहन करते 02 गांजा तस्कर गिरफ्तार – थाना अर्जुनी पुलिस की कार्यवाही*

* *कोरोना वायरस (Covid-19)* विश्व के कई देशों के साथ-साथ भारत में एक महामारी के रूप में फैल रहा है,...

ब्लैक बेल्ट प्राप्त करने वाली अंजली फुटान, रिया फुटान, उन्नति सिंह ठाकुर ने बताया कि वे बीते पांच साल से इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं हैं। शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए कराते का प्रशिक्षण लेना चाहिए। इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

बढ़ता है आत्मविश्वास आत्मरक्षा के लिए सीखें कराते कराते प्रशिक्षक हेमंत चक्रधारी ने बताया कि आत्मरक्षा के लिए हर किसी...

कोरोना वायरस : सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल के लिए क्या प्रधानमंत्री वाकई गंभीर है?

कोरोना वायरस यदि विश्वव्यापी महामारी का जनक है, तो उससे लड़ने के लिए किसी भी देश के पूरे संसाधनों को...

गरियाबंद जिले में कोरोना वाइरस जांच की है आवश्यकता, फंड जुटाने वन विभाग लाया था दो विदेशी मेहमान – शिवशंकर सोनपीपरे एवं इतेश सोनी

गरियाबंद जिले में कोरोना वाइरस जांच की है आवश्यकता, फंड जुटाने वन विभाग लाया था दो विदेशी मेहमान – शिवशंकर...

विधायक कुलदीप जुनेजा ने कोरोना के बचाव के लिए कोर्ट परिसर में बटवाये मास्क।

रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप सिंह ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोर्ट परिसर में जाकर वहा अधिवक्ताओं और नागरिकों...

कोरोना से लड़ने सरकारी संदेश राजनैतिक दिवालियेपन की निशानी : माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सरकारी संदेश को राजनैतिक दिवालियेपन की निशानी बताते...

बाघ का सबुत पैदा करने बाहर से बाघ का मल व पंजा लाया गया गया है, उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का है मामला – शिवशंकर सोनपिपरे एवं इतेश सोनी

बाघ का सबुत पैदा करने बाहर से बाघ का मल व पंजा लाया गया गया है, उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व...

कंडेल में कॉलेज खुलने से 10 गांव के छात्र-छात्राओं को मिलेगी राहत

गांधी विचार यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा, बजट में स्वीकृत होने से ग्रामीणों में खुशी फोटो-कंडेल कैप्शन-बायें...

माकपा ने पूछा – कोरोना या राम वन गमन पथ : क्या है सरकार की प्राथमिकता?

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना वायरस से लड़ने राज्य सरकार के कदमों को अपर्याप्त बताते हुए कहा है कि आज...

निशुल्क सेैनिटायजर एवं मास्क उपलब्ध करावें-छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने सरकार से की माँग

छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बजरंग मिश्र व प्रदेश सचिव राजकुमार कुशवाहा ने विज्ञप्ति जारी कर प्रदेश...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।