गरियाबंद जिले में कोरोना वाइरस जांच की है आवश्यकता, फंड जुटाने वन विभाग लाया था दो विदेशी मेहमान – शिवशंकर सोनपीपरे एवं इतेश सोनी

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गरियाबंद जिले में कोरोना वाइरस जांच की है आवश्यकता, फंड जुटाने वन विभाग लाया था दो विदेशी मेहमान – शिवशंकर सोनपीपरे एवं इतेश सोनी

गरियाबंद | प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी के डायरेक्टर व बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी के द्वारा उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ नहीं होने की रिसर्च रिपोर्ट शासन प्रशासन और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण NTCA को प्रस्तुत किया गया था | रिसर्च रिपोर्ट के परिक्षण उपरांत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण NTCA ने पाया की वास्तव में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कोई भी बाघ नहीं है | बाघ रिसर्चकर्ता तीव कुमार सोनी के द्वारा रिसर्च रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का 90% बजट बंद कर दिया गया है | बजट बंद कर दिए जाने के बाद फंड जुगाड़ने के लिए वन विभाग काफी प्रयास कर रहा है | फंड जुगाड़ने के लिए वन विभाग कई बड़े उद्योगपतियों और विदेशी संस्थाओं से लगातार संपर्क कर रहा है परन्तु प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी के द्वारा विरोध किये जाने के कारण कही से भी वन विभाग को फंड नहीं मिल पा रहा है |

वन विभाग के लिए फंड जुटाने के लिए अभी पिछले सप्ताह आर्थिक मदद प्रदान करने वाली संस्था वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और इंगलैंड के डेविड शेफर्ड वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन के एमिली लैंब  एवं  मैट आर्मस्ट्रांग को वन विभाग द्वारा गरियाबंद जिले में लाया गया था | उन दोनों विदेशी नागरिको को गरियाबंद जिले के पुरे जंगल में वन विभाग के द्वारा घुमाया गया और वन व वन्यप्राणियों के संरक्षण संवर्धन करने की बड़ी – बड़ी कहानिया बता कर विदेशी फंड जुगाड़ने का प्रयास किया गया है | वे दोनों उदंती अभ्यारण्य के वनभैसा संरक्षण संवर्धन केंद्र में जा कर वन भैसों का अध्ययन भी किये साथ ही वहा के स्थानीय नागरिको से मेल मुलाक़ात भी किये है | वन विभाग के द्वारा उन दोनों विदेशी नागरिको को मैनपुर, दबनई, कुल्हाड़ीघाट के जंगलो में भी घुमाया गया है साथ ही उन क्षेत्रो के निवासियों से मेल मुलाक़ात भी कराया गया है | इस दौरान डेविड शेफर्ड वाइल्डलाइफ फाउंडेशन के दोनों विदेशी नागरिक एवं वन विभाग के सदस्य जुगाड़, बरगांव के सरकारी स्कूल, गवरमुड, बेसरझार, ओढ आदि गांव के लोगों के साथ मेल मुलाक़ात कर चर्चा किये और लीफलेट्स और पोस्टर भी बाटें | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर श्री विष्णु नायर जी और गरियाबंद वन मंडल अधिकारी श्री मयंक अग्रवाल जी के निर्देश पर उन दोनों को विभिन्न स्थानों में घुमाया गया है |

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वन विभाग ने कोरोना वाइरस के लिए गाईडलाइन का पालन नहीं किया है –

अभी लन्दन से आई एक महिला को रायपुर में कोरोना वाइरस से संक्रमित पाया गया है केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने भी गाईडलाइन जारी किया है जिसके अनुसार विदेशी नागरिको का कोरोना वाइरस टेस्ट किया जाना है और 15 दिन तक उनका निगरानी किया जाना है साथ ही उनके संपर्क में आये लोगो का भी 15 दिन तक निगरानी किया जाना है | परन्तु वन विभाग ने सरकार की गाईडलाइन का पालन नहीं किया है | वन विभाग के द्वारा कोई भी सुरक्षा उपाय नहीं किया गया साथ ही वन विभाग ने शासन प्रशासन को भी नहीं बताया है की दो विदेशी नागरिक गरियाबंद जिले में भ्रमण कर रहे है और वहा के स्थानीय निवासियों से मेल मुलाक़ात कर रहे है |

वन विभाग ने कर्मचारियों, ग्रामीणों और वन्य प्राणियों को खतरे में डाला है –

वन विभाग के द्वारा लाये गए दोनों विदेशी नागरिक एक सप्ताह तक क्षेत्र में रहे, विभिन्न स्थानों में घुमे, विश्राम गृह में रहे , कई अधिकारी व कर्मचारी से मेल जोल किये , ग्रामीणों से भी मेल जोल किये , वन्य प्राणियों के निकट जा कर अध्ययन किये | इस पुरे घटनाक्रम के दौरान किसी भी प्रकार का सुरक्षा उपाय नहीं किया गया है | विदेश से आने वाला प्रत्येक व्यक्ति कोरोना वाइरस से संक्रमित पाया जाता है | ऐसे में दोनों विदेशी नागरिको का इस प्रकार गरियाबंद में खुले आम घुमना, विश्राम गृह में रहना , अधिकारी व कर्मचारी से मेल जोल करना , ग्रामीणों से भी मेल जोल करना , वन्य प्राणियों के निकट जा कर अध्ययन करना एक बहुत ही गंभीर स्थिति निर्मित कर रही है | यदि वो दोनों विदेशी नागरिक कोरोना वाइरस से संक्रमित रहे होंगे तो वन विभाग ने सुरक्षा उपाय नहीं कर कर्मचारियों, ग्रामीणों और वन्य प्राणियों को बहुत गंभीर खतरे में डाला है | वो दोनों विदेशी नागरिक जहा भी घुमे है और जिनसे भी मेल मुलाक़ात किये है तुरंत ही उन सभी का जांच कर परिक्षण किये जाने की आवश्यकता है | वो दोनों विदेशी नागरिक जहा भी घुमे है और जिनसे भी मेल मुलाक़ात किये है उनमे सामान्य तौर पर कोई भी लक्षण नहीं दिख रहे है फिर भी उन सभी का जांच व परिक्षण किया जाना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार की कोई आशंका नहीं रहे |

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