छत्तीसगढ़

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में नहीं है बाघ, वन मंडल गरियाबंद व सोनाबेड़ा में है 4 से 6 बाघ, प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी ने किया है सर्वे – ( शिवशंकर सोनपीपरे – प्रधान सम्पादक )

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में नहीं है बाघ, वन मंडल गरियाबंद व सोनाबेडा में है 4 से 6 बाघ, प्रकृति...

वन परिक्षेत्र कुल्हाड़ीघाट के तालाब निर्माण कार्य में 40 लाख का भ्रष्ट्राचार, रेंजर को हटाने मुख्यमंत्री से की गयी है शिकायत – (जिला ब्यूरो तीव कुमार सोनी)

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बाघ और काला तेंदुआ होने के झूठे दावे के बाद कही वन विभाग उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डायनासोर होने का दावा ना कर दे – ( जिला ब्यूरो तीव कुमार सोनी एवं रिपोर्टर इतेश सोनी )

बाघ और काला तेंदुआ होने के झूठे दावे के बाद वन विभाग कही उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डायनासोर होने...

मैनपुर – देवभोग नेशनल हाईवे पर ध्रुवागुड़ी के पास नक्सलियों ने पेड़ काट कर रास्ता किया बंद, दोनों तरफ लगी है गाड़ियों की लाईन – (जिला ब्यूरो तीव कुमार सोनी एवं रिपोर्टर इतेश सोनी)

मैनपुर - देवभोग नेशनल हाईवे पर ध्रुवागुड़ी के पास नक्सलियों ने पेड़ काट कर रास्ता किया बंद, दोनों तरफ लगी...

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में 24 साल बाद दिखा ब्लैक पैंथर (काला तेंदुआ) कही अंतरिक्ष जीव एलीयन तो नहीं – जिला ब्यूरो तीव कुमार सोनी एवं रिपोर्टर इतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में 24 साल बाद दिखा ब्लैक पैंथर (काला तेंदुआ) कही अंतरिक्ष जीव एलीयन तो नहीं –...

कोसरिया मरार समाज (भाठीगढ़ राज) के राधेश्याम पटेल बनाये गए अध्यक्ष – इतेश सोनी

कोसरिया मरार समाज (भाठीगढ़ राज) के राधेश्याम पटेल बनाये गए अध्यक्ष - इतेश सोनी राधेश्याम पटेल मैनपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश...

मैनपुर क्षेत्र के नगरों व ग्रामो में धूमधाम से मनाया जा रहा श्री कृष्ण जन्मोत्सव – इतेश सोनी

मैनपुर क्षेत्र के नगरों व ग्रामो में धूमधाम से मनाया जा रहा श्री कृष्ण जन्मोत्सव - इतेश सोनी मैनपुर। तहसील...

ग्रामीणों ने की थी मांग “तुम्हर भैंसा ला लेग जा साहब, हमन ला डर लागथे” और वनभैंसा ने कर ही दिया ट्रैकर पर हमला – – (जिला ब्यूरो तीव कुमार सोनी एवं रिपोर्टर इतेश सोनी)

ग्रामीणों ने की थी मांग "तुम्हर भैंसा ला लेग जा साहब, हमन ला डर लागथे" और वनभैंसा ने कर ही...

मैनपुर के एस.डी.ओ.पी. राहुल देव शर्मा की उपस्थिति में कुल्हाड़ीघाट में हुई ग्राम रक्षा समिति की बैठक – – जिला ब्यूरो तीव कुमार सोनी एवं रिपोर्टर इतेश सोनी

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।