बाघ और काला तेंदुआ होने के झूठे दावे के बाद कही वन विभाग उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डायनासोर होने का दावा ना कर दे – ( जिला ब्यूरो तीव कुमार सोनी एवं रिपोर्टर इतेश सोनी )

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बाघ और काला तेंदुआ होने के झूठे दावे के बाद वन विभाग कही उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डायनासोर होने का दावा ना कर दे –  जिला ब्यूरो तीव कुमार सोनी एवं रिपोर्टर इतेश सोनी

गरियाबंद | आठ वन परिक्षेत्रो के 1845 वर्ग किमी के क्षेत्र को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में शामिल किया गया है वैज्ञानिकता पूर्ण समुचित प्रशिक्षण के अभाव में यहाँ के स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों को बाघ के आचरण व रहवास क्षेत्र का ज्ञान नहीं हो पाया जिस कारण से उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में गलत क्षेत्रो को शामिल कर लिया गया है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में वन परिक्षेत्र उदंती उत्तर, उदंती दक्षिण, ईंदागाँव, तौरेंगा, अरसीकंहार, रीसगांव, सीतानदी, कुल्हाड़ीघाट को शामिल किया गया है इन वन परिक्षेत्रो में कभी बाघ था ही नहीं | चूँकि वहा कोइ बाघ नहीं है इसी कारण उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में आज तक बाघ का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिल पाया है | बाघ वन मंडल गरियाबंद व उड़ीसा के सोनाबेडा अभ्यारण्य में पाया जाता है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व विश्व का एकमात्र टाईगर रिजर्व है जिसमे बाघ नहीं होने के बाद भी टाईगर रिजर्व बना दिया गया है | बिच बिच में वन विभाग बाघ होने का झूठा दावा करता रहता है |

उड़ीसा के सोनाबेडा अब्यारान्य का बाघ जिसे वन विभाग वाले अपना बाघ होने का दावा करते है | इस बाघ का शिकार सोनाबेदाके जंगल में किया गया है |

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के गठन के बाद 10 सालो में भी नहीं मिला है बाघ का कोई प्रमाण

बाघ की प्रमाणित रूप से मौजूदगी पाए जाने पर ही टाईगर रिजर्व बनाया जाता है परन्तु बाघ का कोई भी प्रमाण नहीं होने के बाद भी उदंती अभ्यारण्य और सीतानदी अभ्यारण्य को मिला कर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का गठन 2009 में किया गया है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में गरियाबंद जिले के पांच वन परिक्षेत्र शामिल है जिसमे वन परिक्षेत्र कुल्हाड़ीघाट, तौरेंगा, उदंती उत्तर, उदंती दक्षिण, ईंदागाव है तथा धमतरी जिले के तीन वन परिक्षेत्र शामिल है जिसमे वन परिक्षेत्र अरसीकंहार, सीतानदी, रिसगांव है | इस प्रकार कुल आठ वन परिक्षेत्रो के 1845 वर्ग किमी के क्षेत्र को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में शामिल किया गया है | परन्तु इन आठो वन परिक्षेत्रो में कोई भी बाघ नहीं है उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व विश्व का एकमात्र टाईगर रिजर्व है जिसमे बाघ नहीं होने के बाद भी टाईगर रिजर्व बना दिया गया है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में 2009 से लेकर 2019 तक के 10 सालो में बाघ के संरक्षण संवर्धन के लिए करोडो रूपये खर्च किये गए है परन्तु 10 साल बाद भी उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ होने का कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं मिल पाया है क्योकि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कोई भी बाघ नहीं है |

काला तेंदुआ का फोटो – जिसे वन विभाग उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में होने का दावा करता है जो की सरासर झूठा है |

काला तेंदुआ होने का वन विभाग ने किया है झूठा दावा

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में 10 साल तक बाघ का प्रमाण नहीं मिल पाया बाघ के प्रमाण नहीं मिलने पर शासन ने बजट में भारी कटौती कर दिया गया है | इसलिए शासन को गुमराह करने के लिए वन विभाग ने उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में काला तेंदुआ होने का झूठा दावा किया है | यहाँ पर कोई भी काला तेंदुआ नहीं है | बजट के लालच में वन विभाग ने बाघ होने का झूठा दावा किया उसके बाद फिर काला तेंदुआ होने का झूठा दावा किया | अब कही ऐसा ना हो की वन विभाग उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डायनासोर होने का दावा कर दे |

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