छत्तीसगढ़

पंजीयन कराने के बाद पंजीयन सूची से हो गया डिलीट ,विभाग से लेकर मंत्री तक की शिकायत पर किसान के हाथ सिर्फ निराशा

छत्तीसगढ़/धमतरी -छत्तीसगढ़ धमतरी जिले में इन दिनों धान खरीदी को लेकर मुद्दा गरमाया है जिसे लेकर छेत्र के किसान काफी...

सरकार का लक्ष्य किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाना – संजय नेताम ( इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद )

धान खरीदी केन्द्रों का जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने किया निरीक्षण और किसानों की समस्या सुनी मैनपुर - जिला पंचायत गरियाबंद...

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ,सहायकों के लिए पेंशन योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा का सशक्त कदम – रँजना साहू

धमतरी - विधानसभा छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आवाज बुलंद करने वाली एकमात्र महिला विधायक रंजना डिपेंद्र...

जिला मुख्यालय से लगे ग्राम रुद्री कोलियारी करेठा में पनप रहे अवैध निर्माण के विरुद्ध जिला प्रशासन ने की कार्रवाई

धमतरी - कलेक्टर रजत बंसल के निर्देश पर जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत रुद्री, कोलियारी और करेठा में बिना...

नये पत्तो की आहट के साथ पतझड़ प्रारंभ – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी

मैनपुर/इतेश सोनी - अब धीरे धीरे ठंड की बिदाई का बेला आ चुका है बसंत पंचमी के बाद पतझड़ लग...

ग्राम पंचायत के सभा हाल में पूर्व सरपंच ने रख दिया चूजा , ग्रामीणों में आक्रोश ,कई चूजे मरे पड़े बदबू से परेशान लोग

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के ग्राम पंचायत लोहरसी के ग्राम पंचायत के अंदर सभा हाल में पूर्व सरपंच चंद्रकिरण द्वारा...

इतिहास के आईने में राजिम का है विशेष महत्व पुन्नी मेला न केवल आस्था, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी हिस्सा – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

गरियाबंद - राजिम छत्तीसगढ़ का एक छोटा सा शहर है, जो गरियाबंद जिले में आता है। यह शहर मुख्य रूप...

निर्वाचित पदाधिकारियों का अनुभाग स्तरीय कार्यशाला एवं समन्वय बैठक आयोजित – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

अधिकारी-कर्मचारी और पंचायत प्रतिनिधियों को समन्वय के साथ काम करना होगा - कमिश्नर श्री चुरेन्द्र गरियाबंद - रायपुर संभाग के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।