छत्तीसगढ़

धान का बोनस : मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब, 8 जनवरी को छत्तीसगढ़ के गांव होंगे बंद

धान का बोनस न देने पर ही केंद्रीय पूल में चावल लेने के मोदी सरकार के फैसले की छत्तीसगढ़ किसान...

नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हजारों लोग उतरे सैकड़ों पर, वाम के नेतृत्व में किया विरोध प्रदर्शन

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) छत्तीसगढ़ राज्य समिति नूरानी चौक, राजातालाब, रायपुर, छग रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा और भाकपा...

शिशु संरक्षण माह का क्रियान्वयन 27 दिसंबर से 28 जनवरी 2020 तक- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं जीवन सोनी सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। 19 दिसम्बर/शिशु संरक्षण माह का आयोजन आगामी 27 दिसंबर...

सतनाम धर्म के प्रवर्तक गुरूघासी दास के जन्म उत्सव पर अनुयायियों ने निकाली विशाल शोभा यात्रा, हर्षोल्लास के साथ मनाया

हजारो की संख्या में शहर के मुख्य मार्गो में युवाओ की टोली जयकारे के साथ थिरकते रहे बेमेतरा - सतनाम...

मैनपुर इलेवन की शानदार जीत जिडार में- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर। ग्राम पंचायत जिडार में आठ दिवसीस टेनिस बाल क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के ग्रामीण तरस रहे है मुलभुत सुविधाओ के लिए और बाघ नहीं होने पर भी बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च – तीव कुमार सोनी व इतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के ग्रामीण तरस रहे है मुलभुत सुविधाओ के लिए और बाघ नहीं होने पर भी बाघ...

आवास के लिए भटकती वृद्ध महिला को नहीं मिला है आवास और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ नहीं होने पर भी बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च – तीव कुमार सोनी एवं ईतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में आवास के लिए भटकती वृद्ध महिला को नहीं मिला है आवास और बाघ नहीं होने...

22 दिसम्बर से जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। मैनपुर सुभाष क्रिकेट क्लब हरदीभाठा द्वारा पैरी मिनी स्टेडियम भाठीगढ में जिला...

भूपेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा हुआ : संजय नेताम – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर :- छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।