भूपेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा हुआ : संजय नेताम – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

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इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

   सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर :- छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर कांग्रेस नेता एवं बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक प्रत्याशी रहे संजय नेताम ने उपलब्धिपूर्ण बताते हुए उपलब्धियों को रखा। संजय नेताम ने कहा कि इन एक वर्ष में सरकार ने किसानों, गरीबों, युवाओं, बेटियों, आदिवासियों के साथ छत्तीसगढ़ियों से किए गए वायदे को निभाया है और पहली बार छत्तीसगढ़ में माटी पुत्र मुख्यमंत्री बने हैं।

मुख्यमंत्री बनते ही भूपेश बघेल ने किसानों के हक़ में फैसला सुनाया। कर्ज़ माफी का जो वादा राहुल गांधी ने पूरे प्रदेश में लोगों से किया था, भूपेश बघेल सरकार ने पूरा किया है। किसानों से किए गए 2500 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी, अल्पकालीन कृषि ऋण माफ, बकाया सिंचाई कर माफ के साथ नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना का क्रियान्वयन के साथ ही छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों और संस्कृति को बचाने किए जा रहे सार्थक प्रयास की जानकारी दी। इसके अलावा प्रति राशन कार्ड 35 किलो चावल देने, छोटे भूखंड की खरीदी-बिक्री पर लगी रोक को हटाने, चिटफंड कंपनी की वजह से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने, भूमिहीनों को पट्टा वितरण, 400 यूनिट तक बिजली बिल को आधा करने की बात कही। उन्होंने प्रदेश के युवाओं के रोजगार के लिए अपनाई जा रही नियमित भर्ती प्रक्रिया के अलावा महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों और खेल अधिकारी और स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के बारे में बताया. वहीं नियुक्ति प्रक्रिया में मूल निवासियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दिए जाने और बस्तर व सरगुजा संभाग में कनिष्ठ सेना चयन बोर्ड के गठन को सराहनीय कदम बताया।वहीं कामकाजी महिलाओं की समस्या को देखते हुए हर संभाग में आवास गृह का निर्माण करने, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की अनुदान राशि में बढ़ोतरी करने की जानकारी दी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आदिवासियों सहित सर्ववर्ग का भरपूर समर्थन मिला, जिससे उत्साहित होकर कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों को उनकी जमीन वापस दिलाने, तेंदूपत्ता की मजदूरी 4000 रुपए प्रति मानक बोरा करना शामिल है। अंत में उन्होंने सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ियों का जीवन संवारने के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी देते हुए पुनर्वास नीति के तहत कृषि भूमि के अधिग्रहण पर बाजार दर से चार गुणा ज्यादा भुगतान करने, सार्वजनिक के साथ निजी उपक्रमों में स्थानीय लोगों की उपेक्षा नहीं करने और पुनर्वास नीति के अनुरूप प्रभावित परिवारों को रोजदार देने का आदेश जारी करने की बात कही।

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