आवास के लिए भटकती वृद्ध महिला को नहीं मिला है आवास और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ नहीं होने पर भी बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च – तीव कुमार सोनी एवं ईतेश सोनी
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में आवास के लिए भटकती वृद्ध महिला को नहीं मिला है आवास और बाघ नहीं होने पर भी बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च – तीव कुमार सोनी एवं ईतेश सोनी
मैनपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कोई भी बाघ नहीं है फिर भी वन विभाग बाघ होने की झूठी जानकारी दे कर बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च कर चुका है | बाघ और टाईगर रिजर्व के नाम पर वन विभाग वहा के निवासियों पर भरी अत्याचार कर रहा है | टाईगर रिजर्व के नाम पर वन विभाग गाँवों में सड़के बनाने नहीं देता है , वन विभाग गाँवों बिजली लगाने नहीं देता है , वन विभाग गाँवों में आवास बनाने नहीं देता है, वन विभाग ने वनोपज संद्रहण पर प्रतिबंध लगा कर ग्रामीणों से रोजगार का साधन छीन लिया है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कोइ भी बाघ नहीं है फिर भी वन विभाग बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च कर चुका है जबकि टाईगर रिजर्व के ग्राम तौरेंगा की वृद्ध महिला सालो से आवास के लिए दर दर भटक रही है पर आज तक उसे आवास नहीं मिल पाया है | आवास नहीं मिल पाने के कारण वो वृद्ध महिला टूटी फूटी जर्जर झोपड़ी मे रहने को मजबूर है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अंदर बसा गांव तौरेगा की विशेष पिछडी जनजाति भुंजिया परिवार की 75 वर्षीय उम्र दराज बुजुर्ग महिला फिरन्तीन बाई पति स्व. सुफल राम भूंजिया आवास नहीं होने के कारण इन कड़कड़ाती ठंड के दिनों में फटे पालीथिन से ढके झोपडी मे रहने को मजबूर है |
वनोपज संग्रहण पर प्रतिंबंध लगाने के कारण पेंशन के सहारे जीने को मजबूर है वृद्ध महिला
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में रोजगार का कोई भी साधन नहीं है इसलिए वहा के निवासी वनोपज संग्रहण कर अपना जीवन यापन करते है | बुजुर्ग महिला के पास आजीविका का कोई साधन नही है वो भी वनोपज संग्रहण कर अपना जीवन यापन करती थी | परन्तु वन विभाग ने टाईगर रिजर्व के नाम पर वनोपज संग्रहण पर प्रतिबन्ध लगा दिया है इसलिए वृद्ध महिला केवल पेंशन के सहारे ही अपना जीवन यापन कर रही है | वृद्ध महिला आर्थिक स्थिति इतना ज्यादा खराब है कि वे अपने झोपडी की मरम्मत भी नही करा सकती है इसलिए झोपडी के क्षतिग्रस्त होने व टुट फुट जाने से मुश्किलो के बीच कड़कड़ती ठंड के मौसम मे रात गुजारने को मजबूर है। उम्र दराज महिला ने बताया की इस उम्र में सहारा देने वाले मेरे परिवार में कोई नहीं है, रोजगार का भी कोई साधन नहीं है, सरकार के तरफ से 350 रूपये पेंशन दिया जा रहा है जिससे गुजर बसर होता है लेकिन दीपावली के बाद से अभी तक पेंशन नहीं मिल पाया है गुजर-बसर करने में भयंकर परेशानी हो रही है । वृद्ध महिला ने बताया कि कड़ाके की ठंड में बिना आवास के मजबूरी में झोपड़ी में रहती हूं जहां विषैले कीट सर्प बिच्छू का डर हमेंशा बना रहता है पक्का आवास बनाने के लिए ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक के जिम्मेदारों को आवेदन निवेदन करते हुए बरसों बीत गई लेकिन आवास नही मिल पाया है
वन विभाग का है कहना – बजट टाईगर रिजर्व के लिए आता है, वृद्ध महिला की जिम्मेदारी शासन प्रशासन की है
वृद्ध महिला की दयनीय स्थिति के बारे में वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा करने पर नाम नहीं छापने की बात कहते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने कहा की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बजट बाघ और वन भैसे के संरक्षण, संवर्धन, आवास के लिए आता है | उक्त बजट को वन व् वन्य प्राणियों के संरक्षण, संवर्धन, आवास पर खर्च किया जाता है | उक्त बजट को आम जनता पर खर्च करने का वन विभाग के पास कोई भी प्रावधान नहीं है | वह वृद्ध महिला ग्राम पंचायत तौरेंगा की निवासी है इसलिए उस महिला को आवास और रोजगार देने की पूरी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत और शासन प्रशासन की है | इसलिय उक्त वृद्ध महिला कि परेशानी को ग्राम पंचायत और शासन प्रशासन को बताये \