शिवशंकर सोनपिपरे

मैनपुर सरपंच के लिए रामकृष्ण ध्रुव ने समर्थकों के साथ किया नामांकन दाखिल – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद मैनपुर - तहसील मुख्यालय ग्राम पंचायत मैनपुर खुर्द में सरपंच पद के लिए युवा...

देवलाल दुग्गा तहसीलदार के खिलाफ धरने पर बैठे…..

बालोद… अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार में विधायक रहे और बस्तर संभाग के वरिष्ठ आदिवासी नेता व पूर्व संसदीय सचिव एवं अनुसूचित...

मैनपुर पहुचे स्मृति ठाकुर का गर्मजोशी के साथ स्वागत क्षेत्र के विकास के लिए संघर्ष जारी रहेगा – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्य छत्तीसगढ़ गरियाबंद/ मैनपुर ।जिला पंचायत सदस्य के लिए नामांकन दाखिल करने आज श्रीमती स्मृति...

कलेक्टर – एस.पी ने किया कोपरा ,बासीन और कुण्डेल भाठा में औचक निरीक्षण – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद गरियाबंद/ मैनपुर । आज गुरूवार को गरियाबंद जिला के कलेक्टर श्याम धावडे एंव पुलिस अधिक्षक...

जांगडा कुर्रुभाटा के आदीवासी स्कूली बच्चो के लिए नही है स्कुल भवन जबकि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ के नाम पर खर्च किये 30 करोड़ – तीव कुमार सोनी व इतेश सोनी

जांगडा कुर्रुभाटा के आदीवासी स्कूली बच्चो के लिए नही है स्कुल भवन जबकि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ के...

नव वर्ष के पहले दिन कलेक्टर ने किया मैनपुर क्षेत्र में अचानक दौरा आश्रम, छात्रावास ,धान खरीदी केन्द्र का किया निरीक्षण – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्य छत्तीसगढ़ गरियाबंद/ मैनपुर -गरियाबंद जिले के कलेक्टर श्याम धावडे आज बुधवार को शाम चार...

गरियाबंद/ मैनपुर लाखों रूपये की राशि आहरण के बाद भी जब 14 वर्षो में नही बन पाया स्कूल भवन – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में आधा अधुरे निर्माण कार्यो को पुरा कराने...

नव वर्ष मनाने प्रदेश भर से पहुचते है बडी संख्या में पर्यटक आज और कल पर्यटन स्थलों में रहेगी पर्यटको की भारी भींड – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद/मैनपुर गरियाबंद जिले के विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के पर्यटन स्थलांें में नव वर्ष...

जंगल मे वृक्षो के गंड्लिंग पर नही लग पा रहा है रोक – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद गरियाबंद/मैनपुर । क्षेत्र के जंगलो मे साल वृक्षो की लगातार गंडलिंग की जा रही है...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।