देवलाल दुग्गा तहसीलदार के खिलाफ धरने पर बैठे…..
बालोद… अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार में विधायक रहे और बस्तर संभाग के वरिष्ठ आदिवासी नेता व पूर्व संसदीय सचिव एवं अनुसूचित जनजाति आयोग छत्तीसगढ़ के पूर्व अध्यक्ष ” श्री देवलाल दुग्गा ” अपने एक ऋण पुस्तिका के मामले को लेकर तहसीलदार के खिलाफ तहसील कार्यालय में धरने पर बैठ गए।
इस मामले को लेकर उन्होंने कहा कि ….मै अपने पट्टे के लिए लगभग कई महीनों से रोज तहसील कार्यालय चक्कर काट रहा हूँ लेकिन हर दिन नया – नया बहाना ,अगर मुझ जैसे व्यक्ति का ऐसा हाल है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि गांव के गरीब मेरे आदिवासी भाईयों का क्या हाल होता होगा व होता होगा ,आज दोपहर लगभग 12 बजे दुग्गा तहसील कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए और उन्हें बैठे देख लोग उनके समर्थन में आसपास खड़े रहे पुनःपूर्व विधायक ने कह की यह कैसी नीति है मैं अपने ऋण पुस्तिका के लिए 25 दिन से रोज आ रहा हूं ,यहां तो तहसीलदार ध्यान नहीं देते पर तहसीलदार को पद का ना सही मेरे बुजुर्ग होने का तो ख्याल रखते और सरकार यह न सोचें कि हम आदिवासी कमजोर हो गए हैं ,जिस दिन चाहे उस दिन यहां के तहसीलदार से लेकर कलेक्टर को भगा देंगे और भूपेश बघेल भी कुछ नहीं कर पाएगा ” !
मंत्री पर लगाया आरोप …..
अपने पट्टे को लेकर तहसील कार्यालय के सामने जमीन पर धरने पर बैठे अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष देवलाल दुग्गा ने आरोप लगाते हुए कहा कि ....तहसीलदार के बारे में जब सुनने मिला तो यह बात सामने आई कि उनका स्थानांतरण यहां से बाहर कवर्धा हो गया है, जिसे यहां की विधानसभा सदस्य जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन की मंत्री हैं, उन्हें फिर यहां पदस्थ करवा दिया है तो कार्य कहाँ से होगा ''
तहसीलदार प्रतिमा ठाकरे ने इस मामले पर बताया कि ..... पूर्व विधायक जी की एक ऋण पुस्तिका का विषय है जिसे हमने तैयार कर दिया है ,पूर्व विधायक दुग्गा ने आरोप लगाते हुए कहा कि '' जब मैं आज यहां धरने पर बैठा, तब तहसीलदार के किसी प्रतिनिधि ने अभी मुझे ऋण पुस्तिका लाकर दिया है तो क्या बिना हड़ताल करे ऋण पुस्तिका नहीं मिलेगा , जब मैं यहां बैठा हूं तब मुझे समझ आया कि यहां की स्थिति कितनी दयनीय है। गांव-गांव के लोग अपनी समस्याएं लेकर आ रहे हैं '' !
ऐसे कितने प्रकरण है जिनका निपटारा आज तक नहीं हुआ है ?आज भी क्षेत्र के लोगों को दफ्तर का चक्कर लगाते देखा जा सकता है. के. नागे की रिपोर्ट