जांगडा कुर्रुभाटा के आदीवासी स्कूली बच्चो के लिए नही है स्कुल भवन जबकि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ के नाम पर खर्च किये 30 करोड़ – तीव कुमार सोनी व इतेश सोनी

0
Spread the love

जांगडा कुर्रुभाटा के आदीवासी स्कूली बच्चो के लिए नही है स्कुल भवन जबकि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ के नाम पर खर्च किये 30 करोड़ – तीव कुमार सोनी व इतेश सोनी

मैनपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ नहीं ही फिर भी बाघ के संरक्षण संवर्धन के नाम पर 30 करोड़ से भी अधिक राशि खर्च कर दी गयी है परन्तु क्षेत्र में आधा अधुरे निर्माण कार्यो को पुरा कराने जिम्मेदार विभाग के अधिकारी ध्यान नही दे रहे है जिसका खामयाजा ग्रामीणों को भुगतना पड रहा है कई जगह जहा पुल पुलिया अधुरा पडा हुआ है तो कई ग्रामो में 10-15 वर्षो से स्कूल भवने अधुरे पडे है | जिसे पुरा कराने की बीडा कोई नही उठा रहा है जब कि निर्माण एजेंसियों द्वारा बकायदा सरकारी भवनों की राशि आहरण किया जा चुका है | इसका खामयाजा यहा पढाई करने वाले बच्चो को उठाना पड रहा है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत क्षेत्र जांगड़ा के आश्रित ग्राम कुर्रूभाठा के नौनिहाल स्कुल भवन नहीं होने के कारण एक कमरे मे पढ़ाई करने को मजबूर हो रहे है, ग्रामीण कई बार  इन समस्याओं को लेकर आवेदन निवेदन कर थक चुके है पर हर बार उन्हे आश्वासन के अलावा कुछ नही मिलता है | आखिर इन अधुरे भवनों का निर्माण कार्य कब पुरा होगा यह एक बडा सवाल बना हुआ है |

भुंजिया जनजाति के बच्चो की शिक्षा व्यवस्था पर सरकार और प्रशासन नहीं दे रहा है ध्यान

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत क्षेत्र जांगड़ा के आश्रित ग्राम कुर्रूभाठा के नौनिहाल एक कमरे मे पढ़ाई करने को मजबूर हो रहे है, | ग्राम कुर्रूभाठा मे संचालित माध्यमिक शाला के लिए आज से 14 वर्ष पहले लाखो रूपयो की भारी भरकम रकम शाला भवन निर्माण के लिए सर्व शिक्षा अभियान राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा जारी की गई रकम तबके पंचायत प्रतिनिधियो के द्वारा आहरण कर स्कूल  भवन के निर्माण को आधा अधुरा छोड़ दिया है और इस अधुरे भवन की सुध आज पर्यन्त तक किसी ने नहीं ली है | यहां का यह आधा अधुरा मिडिल स्कूल भवन  शिक्षा के तमाम अच्छे इंतिजाम के दावो की कलाई खोलता है तो वहीं दूसरी तरफ बड़ा सवाल यह है कि कुर्रूभाठा ग्राम के ग्रामीणो के द्वारा इन 14 सालो मे लगातार अधुरे स्कूल भवन को पूर्ण कराने के लिए सैकड़ो दफे प्रशासन के आला अफसरो व जनप्रतिनिधियो से मिन्नत करने के बाद भी यह भवन अपने अधुरे स्वरूप मे विकास का मुंह चिढ़ाता नजर आता है साथ ही इस आदिवासी क्षेत्र मे ग्राम कुर्रूभाठा के संरक्षित जनजाति भुंजिया के बच्चो की शिक्षा व्यवस्था पर सरकार और प्रशासन तंत्र के लोग कितने संजीदा है उसे रेखांकिंत करता है |

गुनाहगारो पर नहीं की जा रही है कोई भी कार्यवाही

लाख टके का सवाल यह है कि इस भवन की राशि डकार कर भवन को अघुरे स्वरूप मे छोड़ देने वाले शिक्षा के क्षेत्र के इन गुनाहगारो पर सरकारी नकेल क्यो नहीं कंसी गई यह बड़ा सवाल है, इस विकासखंड के ग्रामो मे स्कूल भवन निर्माण के लिये शासन ने सर्व शिक्षा अभियान राजीव गांधी शिक्षा मिशन के माध्यम से करोड़ो रूपये खर्च किये है लेकिन विभाग की लचर कार्यशैली के चलते आदिवासी क्षेत्र के बच्चो को स्कूल भवन नसीब नही हो पाया है यहां एक नही दर्जनो ऐसे मामले है समय समय पर इसकी खबर भी प्रकाशित होने के बाद सिर्फ हर बार अधिकारियों द्वारा औपचारिक निरीक्षण समस्या समाधान के आश्वासन के बाद फिर ढाक के तीन पात जैसी स्थिति निर्मित हो जाती है और तो और स्कूल भवनो के निर्माण के लाखो रूपये राशि आहरण करने वाले निर्माण एंजेसिंयो पर कोई ठोस कार्यवाही नही होने से पिछले 15-15 वर्षो से दर्जनो स्कूल भवने अधूरे पड़े हुए है जिसका खामियाजा भोलेभाले आदिवासी बच्चो को भुगतना पड़ रहा है

स्कूली बच्चे पेड़ के निचे और झोपडी में पढ़ने को है मजबूर

स्कुल भवन नहीं होने से वहा के बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ने मजबूर हो रहे है तो कहीं बच्चे झोपड़ियो और तबेले मे अपने सुनहरे भविष्य गढ़ने मजबूर हो रहे है ज्ञात हो कि तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 36 किमी दूर ग्राम पंचायत जांगड़ा के आश्रित ग्राम कुर्रूभाठा जिसकी जनसंख्या लगभग 400 के आसपास है और यहां अति पिछड़ी जनजाति भूंजिया कमार आदिवासी लोग निवास करते है यहां सर्व शिक्षा अभियान राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा मिडिल स्कूल भवन निर्माण के लिये वर्ष 2005 मे पांच लाख 17 हजार रूपये स्वीकृत किया गया और निर्माण एंजेसी द्वारा स्कूल भवन के लिये 4 लाख 52 हजार रूपये आहरण करने के बावजूद आजतक 14 वर्षो मे स्कूल भवन पूर्ण नही हो पाया है, स्कूल भवन की छत, छबाई, के साथ पूरा कार्य अधूरा पड़ा हुआ है और इस मिडिल स्कूल के 33 छात्र छात्राएं एक अतिरिक्त प्राथमिक शाला के कमरे मे पढ़ाई करने विवश हो रहे है जहां कक्षा 6 वंी से 8वीं तक तीन कक्षाओं के छात्र छात्राएं एक साथ अध्ययन करने मजबूर हो रहे है और तो और कभी कभी बच्चो को खुले आासमान के नीचे पढाई करने मजबूर होना पडता है ऐसा नही है कि इसकी जानकारी विकासखंड स्तर के अधिकारियो को न हो समय समय पर यहां के ग्रामीण मैनपुर पहुंचकर इस समस्या से अधिकारियो को अवगत कराते रहे है और अधूरे मिडिल स्कूल भवन को पूर्ण कराने की भी मांग करते रहे है लेकिन इस समस्या की ओर ध्यान देने वाला कोई नही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed