छत्तीसगढ़

लोहरसी में एक दिवसी श्री राम नाम का जाप , उमड़े ग्रामीण भक्तजन जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

कोपरा | ग्राम पंचायत लोहरसी में एक दिवसी , श्री रामचन्द्र जी के नाम का जाप , ध्यन किया जा...

घर-घर खाना पहुंचाने वाली कंपनी स्वीगी के राजधानी रायपुर से जुड़े डिलीवरी ब्वॉय हड़ताल पर हैं

रायपुर । राजधानी रायपुर शहर में फूड डिलीवर करने वाली ऑनलाइन कंपनी स्विग्गी के राजधानी रायपुर ज़ोन के कर्मचारी वेतन...

ग्राम पंचायत भानपुरी में स्वच्छता को बढ़ावा देते हुए ग्रामीणों ने दिखाया जागरूकता

बालोद–ग्राम पंचायत भानपुरी स्वच्छ गांव स्वच्छ देश बनाने के लिए सरपंच अरूण साहू उपसरपंच ईश्वरी अठनागर,सुरेश साहू ,अश्वनी साहू ,तिजिया...

PDS राशन सामग्री अफरा तफरी में संलिप्त अन्य चार आरोपी गिरफ्तार जिला संवाददता – उरेंद्र कुमार साहू

फिंगेश्वर | राशन सामग्री चोरी के मामले में संलिप्त चार और आरोपी गिरफ्तार पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल एवं अतरिक्त...

नगर की एक बेटी ओमीता सिंन्हा जो लगातार सात माह से राजधानी के हॉस्पिटल एम एम आई के कोविड वार्ड में अपने जान को जोखिम में डालकर सेवाएं देते हुये अपना फर्ज अदा कर 14 दिन होम आइसोलेशन में बिताने के बाद अपने जन्म दिवस पर आज अपने परिजनों के पास पहुची जंहा उनका स्वागत वार्ड वासी सहित परिवार के लोगो ने गाजे बाजे के साथ फूल बरसा, आरती कर किया – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद :- नगर की एक बेटी ओमीता सिंन्हा जो लगातार सात माह से राजधानी के हॉस्पिटल एम एम...

फिंगेश्वर पुलिस ने पीडीएस राशन अफरा तफरी में 4 सोसायटियों के सेल्समैन को गिरफ्तार किया- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। फिंगेश्वर पुलिस ने पीडीएस राशन अफरा तफरी में आज 4 राशन सोसायटियों के सेल्समैन को गिरफ्तार किया।...

हाथियों के लगातार आंतक से पहाडी ग्राम के कमार आदिवासी थर्रा उठे , दहशत में गांव छोड आधे लोग पहुचे पहाडी के नीेचे- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर गरियाबंद । उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया वन परिक्षेत्र कुल्हाडीघाट के पहाडी के उपर...

मेरे देश की पहचान है हिंदी, आन बान और अभिमान है हिंदी ,जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

रत्नांचल जिला साहित्य परिषद का काव्य गोष्ठी पांडुका में संपन्न। पांडुका 14 सितंबर। स्थानीय श्रीचैतराम उधोराम झखमार साहित्य भवन में...

मध्य रात्री हथियो का दल पहुंचा गांव , ग्रामीणों दहशत में , जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

मैनपुर / गरियाबंद | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन ऐरिया कुल्हाड़ीघाटी वन परिक्षेत्र के पहाड़ी गांव भालुडिग्गी में...

चिटफंड प्रकरण: खून से हस्ताक्षर कर निवेशक राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे

रायपुर।फर्जी चिटफंड कंपनियों से पीड़ित निवेशकों के हित में संघर्षरत से संस्था छ ग नागरिक अधिकार समिति ने आंदोलन के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।