छत्तीसगढ़

धरनीढोडा क्वॉरेंटाइन सेंटर में गर्भवती महिला की हुए मौत पर मैनपुर यादव समाज ने किया मुआवजे की मांग- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर:- छत्तीसगढ सर्व यादव समाज प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु जी के मार्गदर्शन में मैनपुर यादव समाज ने मैनपुर...

झरियाबाहरा में अज्ञात व्यक्ति का मृत शव मिला, पुलिस द्वारा शव का ग्रामीणो के समक्ष पंचनामा कर पीएम होने के बाद किया गया अंतिम संस्कार- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

पुलिस ने शिनाख्ती की कोशिश की लेकिन कोई दावेदार सामने नहीं आया जिसके बाद ग्रामीणो को अंत्येष्ठि के लिये सुपुर्द...

व्यायाम शिक्षको की नियुक्ति की मांग:छ ग नागरिक अधिकार समिति ने मांग दिवस मनाया।

रायपुर।स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश भर के शासकीय विद्यालयों में बी पी एड/एम पी एड योग्यता वाले व्यायाम शिक्षकों के...

व्यायाम शिक्षकों के चयनित उम्मीदवारों को शीघ्र नियुक्ति पत्र प्रदान करो।

रायपुर। छ ग शासन के स्कूली शिक्षा विभाग में व्यायाम शिक्षकों के पद पर चयनित अभ्यर्थियों ने इस पद पर...

खबर का असर : सर्वोच्च छत्तीशगढ़ के खबर पर मुहर बिना बेच नम्बर के बेच रहे थे शीतल पेय पदार्थ….1 सप्ताह के अंदर खाद्य विभाग व राजश्व विभाग की संयुक्त टीम ने दुकान में दी दबिश किया शील

सावधान नगरी - सिहावा क्षेत्र में बिक रहामीठा जहर.. ,शीतल पेय पदार्थ के नाम कर रहे है जान से खिलवाड़धमतरी-गर्मी...

गरियाबंद पुलिस अधिक्षक भोजराम पटेल ने लिया थाना प्रभारियों की बैठक ,दिया आश्वयक दिशा निर्देश- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। गरियाबंद जिले के पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल ने पुलिस अधिकारियों व थाना प्रभारियों की समीक्षा बैठक...

छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहा है आंदोलन: #चुपीतोड़, #नियमितीकरण #नौकरीवापस_दो

रायपुर । छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के संरक्षक विजय झा, प्रदेश अध्यक्ष बजरंग मिश्र,प्रदेश उपाध्यक्ष शाहिद मंसूरी के द्वारा...

ऑनलाइन वीडियो काम्प्रेसिंग कवि सम्मेलन का द्वितीय आयोजन दिनांक 1-6-2020 सोमवार को सम्पन्न हुआ।

बालोद.. राज्य स्तरीय आनलाइन कवि सम्मेलन हूआ संपन्न छ.ग.बालोद जिले के कलमकारो द्वारा आॅनलाइन कवि सम्मलेन का द्वितीय आयोजन कल...

लोक निर्माण विभाग गहरी नींद मे..नो एन्टरी का बोर्ड लगाकर भुल गए. . बेखौफ दौड़ रही है भारी वाहन.

बालोद.. पूरा देश एक ओर जहां वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ रहा है वहीं दूसरी ओर खनन माफिया के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।