छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने सरकार 31 मार्च तक पेड लीव घोषित करने की माँग

छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बजरंग मिश्र व प्रदेश सचिव राजकुमार कुशवाहा ने विज्ञप्ति जारी कर प्रदेश...

जनपद पंचायत धमतरी में निलंबित लेखापाल और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी के बीच तीखी बहस

छत्तीसगढ़/धमतरी - छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के जनपद पंचायत धमतरी में सोमवार को एक निलंबित लेखापाल और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन...

धमतरी जिला अस्पताल के डॉक्टर पर निजी अस्पताल को फायदा पहुचाने का लगा आरोप…

धरती पर भगवान के बाद अगर भगवान का दर्जा प्राप्त है तो वह है डॉक्टर्स मगर एक बार फिर आज...

आदिवासी वनांचल क्षेत्र मैनपुर मे हो रहा है महुए का संग्रहण – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद स्कूली बच्चे अवकाश के बाद महुए का कर रहे संग्रहण मैनपुर/इतेश सोनी:- तहसील मुख्यालय मैनपुर...

कोरोना वायरस -लक्षण एवं बचाव जिले में हेल्पलाईन नम्बर जारी टोल फ्री नंबर-104 पर संपर्क किया जा सकता है – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी पत्रकार जिला ब्यूरो गरियाबंद गरियाबंद - 100 से भी अधिक देशों में तेजी से महामारी की तरह फैल...

पैरी नदी उद्गम स्थल का मनमोहक दृश्य देखने अब दूर , दूर से आ रहे है पर्यटक …. पढ़िए पूरी खबर…

विदेशी पर्यटक भी पहुचते है भाठीगढ़ तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 3 किलोमीटर की दुरी पर पैरी उदगम स्थल भाठीगढ...

पांच दिनों में जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया ग्रामीणों का मांग पूरा,ग्रामीणों ने अध्यक्ष के प्रति जताया आभार – इतेश सोनी पत्रकार जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद -: जिले की नवनियुक्त जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्मृति...

बस्तर के पत्रकार रितेश पांडे पर हमला करने वालों को गिरफ्तार करो : माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बस्तर में जागरण समूह से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार रितेश पांडे पर असामाजिक तत्वों द्वारा किये गए...

मैनपुर में मची होली की धूम सुबह से लेकर शाम तक रंगों में डूबे रहे लोग – इतेश सोनी पत्रकार

मैनपुर । रंगों और आपसी प्रेम का त्योहार होली जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। वही तहसील मुख्यालय मैनपुर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।