छत्तीसगढ़

आवास के लिए भटकती वृद्ध महिला को नहीं मिला है आवास और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ नहीं होने पर भी बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च – तीव कुमार सोनी एवं ईतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में आवास के लिए भटकती वृद्ध महिला को नहीं मिला है आवास और बाघ नहीं होने...

22 दिसम्बर से जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। मैनपुर सुभाष क्रिकेट क्लब हरदीभाठा द्वारा पैरी मिनी स्टेडियम भाठीगढ में जिला...

भूपेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा हुआ : संजय नेताम – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर :- छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने...

अवैध धान भण्डारण एवं परिवहन रोकने 58 प्रकरण दर्ज किसानों को एक अरब 9 करोड़ की राशि का भुगतान- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं तीव सोनी जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सुचारू रूप से जारी है...

ग्रामीण की स्वयंसेवक बनकर गांव स्वर्ग बनाए गयचंद्र कोमर्रा – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। मैनपुर नवीन शासकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा गोपालपुर में...

अब 22 लघु वनोपजों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होगी खरीदी ….राकेश चतुर्वेदी

वनवासियों ने किया 950 करोड़ रूपए मूल्य के 22 लघु वनोपजों का संग्रहण रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अनुमोदन...

वन विभाग ने उड़ाया सूचना के अधिकार कानून का मजाक,केम्पा मद की जानकारी ना देने के लिये वनमण्डल अधिकारी ने किया नया धारा व उप धारा की उत्पत्ति- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं तीव सोनी

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद एवं तीव सोनी सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और कामकाज की जानकारी के...

करोंडो का आश्रम भवन बनकर तैयार उद्घाटन का इंतजार- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में पिछले तीन वर्षो से निर्माण किए जा रहे...

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च परन्तु स्कूली बच्चो के लिए नहीं है शिक्षक की व्यवस्था – तीव कुमार सोनी एवं ईतेश सोनी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ के नाम पर 30 करोड़ खर्च परन्तु स्कूली बच्चो के लिए नहीं है शिक्षक...

मैनपुर शासकीय नवीन महाविद्यालय का रा.स.यो. शिविर 16 दिसंबर गोपालपुर में- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद। मैनपुर स्थानीय नवीन शासकीय महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा सात...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।