छत्तीसगढ़

उत्तम की शपथ पर विश्वास जता रहा पश्चिम का जनसैलाब, सैकड़ों लोगों ने थामा आम आदमी पार्टी का साथ*

*उत्तम की शपथ पर विश्वास जता रहा पश्चिम का जनसैलाब, सैकड़ों लोगों ने थामा आम आदमी पार्टी का साथ* रायपुर।...

दो दिवसीय शहीद गुंडाधूर स्मृति प्रांत स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का समापन*

  *वनवासी विकास समिति,* *रायपुर,छत्तीसगढ़* *एकलव्य खेलकूद प्रकल्प* *दो दिवसीय शहीद गुंडाधूर स्मृति प्रांत स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का समापन* *जनजातीय...

चिकित्सक से ₹1 लाख की उगाही करने पहुंचे केशकाल के दो संदिग्ध पत्रकारों को सिटी कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है ।

-डॉक्टर से 1लाख उगाही के मामले में दो संदिग्ध पत्रकार गिरफ्तार   ,  21 Sep , 2018 धमतरी मोबाइल नंबर 8959965846...

संचार क्रांति योजना के तहत मोबाईल वितरण किया गया…

संचार क्रांति योजना के तहत मोबाईल वितरण किया गया.... बालोद. बालोद जिले के गुरूर विकास खंड के ग्राम पंचायत सनौद...

डा रज्जाक मेमन का हुआ निधन, पूरे क्षेत्र में छाया शोक की लहर

गरियाबंद:-नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर रज्जाक मेमन बीते 15 दिनों के बीमारी के बाद आज उनका दिल्ली वेदांता हॉस्पिटल में...

महासमुंद लोकसभा के सांसद चंदूलाल साहू जी आज महासमुंद जिले के सरायपाली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अर्जुण्डा में आयोजित गाड़ा समाज सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए — तीव कुमार सोनी

महासमुंद लोकसभा के सांसद चंदूलाल साहू जी आज महासमुंद जिले के सरायपाली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अर्जुण्डा में आयोजित गाड़ा...

गरियाबंद के जिला सी ई ओ विनीत नंदनवार हटाये गए, पी आर खूंटे बनाये गए नए जिला सी ई ओ — तीव कुमार सोनी

गरियाबंद के जिला सी ई ओ विनीत नंदनवार हटाये गए, पी आर खूंटे बनाये गए नए जिला सी ई ओ...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।