छत्तीसगढ़

गुरु और शिष्य का संबंध प्रश्न एवं उत्तर का होता है : अविमुक्तेश्वरानंद

ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ट्रैन...

बंगाली लेडीज क्लब के स्थापना दिवस मनाया गया

बिलासपुर के टिकरापारा में स्थित बंगाली लेडीज क्लब के सभी सदस्यों ने मिलकर बिलासपुर के रोटरी क्लब सभागृह में क्लब...

जापान जाने वाले प्रावीण्य सूची में चयनित 6 विधार्थियो से मिले स्कूल शिक्षा मंत्री – केदार कश्यप

रायपुर/05 अप्रेल 2018 सकुरा साइंस प्रोग्राम के तहत साइंटिस्ट की सोच लाने के लिए प्रदेश से 6 बच्चों का चयन...

त्रिवेणी संगम में चेन मशीन से रेत खनन सीमा क्षेत्र से बाहर इसलिए कोई कार्यवाही नही

#  नवापारा राजिम--राजिम पारागांव क्षेत्र के महानदी में अवैध रूप सेरेत के दलाल  चैन मशीन के सहारे रेत खनन कर...

7 अप्रैल को निःशुल्क आनापानसति ध्यान सत्र आयोजित।

छत्तीसगढ़ पिरामिड स्पिरिचुअल सोसाइटीज मूवमेंट तथा पिरामिड स्पिरिचुअल साइंस अकादमी द्वारा दिनांक 7 अप्रैल को रायपुर के कचहरी चौक के...

तंत्र मंत्र कर ठगी करने वालों ने की अपने साथी की हत्या।

तंत्र मंत्र के नाम पर ठगी करने वाले समूह में शामिल ट्रांसपोर्टर चौबे कॉलोनी, गीता नगर निवासी अवसर सिंह ठाकुर...

कुरूद क्षेत्र देवताओं की यज्ञ भूमि है : इंदुभवानंद

शंकराचार्य आश्रम रायपुर के प्रमुख ब्रह्मचारी डॉ इंदुभवानंद ने अपने प्रवचन में बताया कि कुरूद क्षेत्र देवताओं की यज्ञ भूमि...

युवा किसी भी रोजगार को न समझे छोटा, मेहनत और लगन से करें काम: श्री केदार कश्यप

नारायणपुर/29 मार्च 2018 -------------*****-------------- .वास्तविक हितग्राहियों को मिले रोजगार मूलक योजना का लाभ ---------*****--------- *मंत्री श्री कश्यप* ने सौंपी पांच...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।