छत्तीसगढ़

मैनपुर के नए थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम जी से पत्रकारों ने की मुलाकात

इतेश सोनी सर्वोच्चच छत्तीसगढ़ मैनपुर । नव थाना प्रभारी श्री सत्येंद्र सिंह श्याम जी आज पत्रकारों ने मुलाकात कर श्री...

जनपद पंचायत फिंगेश्वर में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया गया ,

पत्रकार उरेन्द्र साहू गरियाबंद / फिंगेश्वर | जनपद पंचायत फिंगेश्वर के सभाकक्ष में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया गया कार्यक्रम में...

पिताईबन्द से हंथखोज मार्ग चौड़ीकरण मांग – अर्चना डॉ. दिलीप साहू

उरेन्द्र साहू जिला संवाददता गरियाबंद | गरियाबंद जिले के अंतर्गत राजिम धाम में रोड़ चौड़ीकरण के लिए मंत्री ताम्रध्वज साहू...

लम्बे समय से राशन कार्ड से वंचित लोगो को आखिरकार मिला कार्ड

उरेन्द्र साहू जिला संवाददता गरियाबंद | जिला मुख्यालय गरियाबंद से लगभग 10 किलोमीटर ग्राम पंचायत सड़क परसुली के लोगो को...

मैनपुर थाना में श्री सत्येंद्र सिंह श्याम जी आये श्रीमान भूषण चंद्राकर जी थाना फिंगेश्वर गए- इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

इतेश सोनी गरियाबंद । स्थानीय पुलिस थाना मैनपुर में निरीक्षक सत्येंद्र सिंह श्याम जी ने थाना प्रभारी मैनपुर का पदभार...

गौरघाट में धान उपार्जन केन्द्र की मांग को लेकर नेशनल हाईवे में सैकडो किसानों ने किया चक्काजाम और जमकर कर रहे हैं नारेबाजी प्रदर्शन- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। नेशनल हाईवे 130 सी मैनपुर गरियाबंद रायपुर मार्ग में आज बुधवार को सुबह 11.30 बजे से सैकडो...

विधायक अमितेश शुक्ल के उपार्जन केंद्रों का किया दौरा पहुंचे पुष्पा साहू

उरेन्द्र साहू जिला संवाददता गरियाबंद / राजिम | छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार एक...

धनोरा सोसाइटी में विधायक जी की उपस्थिति में हुआ धान खरीदी का शुभारंभ…

बालोद–आज खरीदी के प्रथम दिवस पर धनोरा सोसायटी में संजारी-बालोद की लोकप्रिय विधायक संगीता सिन्हा जी की प्रमुख उपस्थिति में...

गुरूर नगर के वार्ड क्रमांक 4 जहां शाम होते ही लगता है शराबियों का जमावड़ा..

बालोद. गुरूर .. गुरूर नगर के वार्ड क्रमांक 4. जहां शाम होते ही शराबियों की भीड़ बना रहता है.शराबियों के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।