छत्तीसगढ़

बी.सी.एस.शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धमतरी में ‘‘लोकवाणी‘‘ का हुआ श्रवण

धमतरी। बी.सी.एस.शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धमतरी में छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार प्राचार्य डॉ.चन्द्रशेखर चौबे के मार्गदर्शन में माननीय...

जल शक्ति अभियान अंतर्गत चलाया स्वच्छता अभियान

धमतरी। बी.सी.एस.शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धमतरी (छ.ग.) में जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत स्वच्छता पखवाड़ा के तहत् स्वच्छता अभियान चलाया गया।...

कांग्रेस को एक दिन में तीन झटके -उर्मिला, हर्षवर्धन और कृपाशंकर ने दिया इस्तीफा

मुंबई। मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं मंत्री रहे कृपाशंकर सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से...

अंतागढ़ ही नहीं झीरमकांड में भी थी भाजपा सरकार की भूमिका :योगेश

खरसिया। मंतूराम पवार द्वारा शनिवार को कोर्ट में दिये गये बयान के आधार पर आज खरसिया ब्लॉक कांग्रेस ने पूर्व...

वनांचल के शिक्षक संघ की कमान फिर मिला श्री हरि को

छतीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन मानपुर के अध्यक्ष बनाए गएबिना भेदभाव के शिक्षक हित के लिए होगा काम- श्री हरिमानपुर। छतीसगढ़ टीचर्स...

प्रभारी मंत्री बाबा आएंगे आज

जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एव परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा जिले के प्रभारी टीएस सिंहदेव 11 सितंबर...

अब परदे पर नजर आएगा रेसलर प्रतीक तिवारी

जांजगीर चांपा। रेसलर दुनिया में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विजेता बनने के बाद जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत...

कुर्बानी और शहादत को याद करते हुए मनाया मुहर्रम

जांजगीर-चांपा। मुस्लिम समाज के लोगों ने आज कुर्बानी का पर्व मुहर्रम पूरे देश के साथ जिले में भी मनाया। मुहर्रम...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।