अंतागढ़ ही नहीं झीरमकांड में भी थी भाजपा सरकार की भूमिका :योगेश
खरसिया। मंतूराम पवार द्वारा शनिवार को कोर्ट में दिये गये बयान के आधार पर आज खरसिया ब्लॉक कांग्रेस ने पूर्व भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। खरसिया ब्लॉक कांग्रेस के मीडिया प्रभारी योगेश कबुलपुरिया ने विज्ञाति करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व विधायक मंतूराम पवार ने अदालत में धारा-164 के तहत बयान दिया है। इससे वर्ष 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के ख़रीद-फरोख्त की पूरी कहानी साफ़ हो गई है। भाजपा नेता मंतूराम पवार के बयान से स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी ने मिलकर एक व्यापक षडयंत्र रचा था। इन चार राजनेताओं ने मिलकर लोकतंत्र को न केवल शर्मसार किया, बल्कि लोकतंत्र की हत्या की। इसमें सत्ता का दुरूपयोग भी शामिल है।
योगेश कबुलपुरिया ने कहा कि मंतुराम के इस बयान से यह भी स्पष्ट हुआ है कि न केवल अंतागढ़ बल्कि झीरम में भी रमन सरकार की भूमिका थी, तभी तो वे और उनकी सरकार में रहे पावरफुल अधिकारी व सहयोगी झीरम जैसा कांड करने की धमकी दे रहे थे, नतीजे भुगतने के लिए डरा धमका रहे थे। दिसंबर, 2015 में अंतागढ़ ऑडियो टेप आने के बाद से मंतूराम पवार के बयान तक जो कुछ भी उजागर हुआ है वह लोकतंत्र के लिए घातक है और सारी मर्यादाओं, जनता के विश्वास और भारत के संविधान को तार तार करने के लिए काफी है। इस प्रकरण में अभी रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता की भूमिका का विवरण आना बाक़ी है क्योंकि ऑडियो टेप में हम सबने उनकी आवाज़ भी सुनी थी। योगेश कबुलपुरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अंतागढ़ उपचुनाव के समय से ही चुनाव आयोग से लेकर पुलिस तक सबसे शिकायत की थी और इस धांधली की जांच की मांग की थी लेकिन रमन सिंह सरकार की पुलिस ने कोई जांच नहीं की और जब कांग्रेस की सरकार ने अंतागढ़ की जांच शुरू की तो इसका विरोध शुरू कर दिया और बदलापुर की राजनीति करार दिया जाने लगा।
तो इन्हें राजनीति ही छोड़ देनी चाहिए :-
योगेश कबुलपुरिया ने बड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि हमें इस टेप कांड के चारों नेताओं (नायको) से नैतिकता की कोई उम्मीद तो नहीं है, लेकिन फिर भी खरसिया कांग्रेस इन सब से मांग करती हैं कि चारों को अंतागढ़ चुनावी धांधली की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए तत्काल राजनीति छोड़ देनी चाहिए। चारों राजनेताओं अगर अपने दावों के अनुसार बेकसूर हैं तो चारों को अंतागढ़ मामले की जांच में सहयोग करना चाहिए न कि कांग्रेस पर आरोप लगाकर हायतौबा मचानी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को अपने दामाद पुनीत गुता को वॉइस सेंपल देने के लिए कहना चाहिए। खरसिया कांग्रेस छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से यह भी मांग करती है कि मंतूराम पवार के बयान के आधार पर दोषी अधिकारियों और बचौलियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए और मंतूराम के कोर्ट में दिए बयान में जिक्र हुए झीरम जैसे नतीजे भुगतने की धमकी को गौर करते हुए इस सारे प्रकरण और दोषियों के नामों को झीरम कांड से जोड़ कर हर मुमकिन एंगल से गहन जांच कर जल्द से जल्द दोषियों को बेनकाब किया जाना चाहिए यही झीरम में शहीद हुए कांग्रेस के सभी अजय योद्धाओं को सच्ची श्रद्धांजलि होंगी।