शिवशंकर सोनपिपरे

प्रिंस के दोनों आंख में संक्रमण से चलने फिरने में हो रहा है असमर्थ – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

पत्रकार इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद मैनपुर। उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उदंती अभ्यारण्य राजकीय पशु वन भैसा के नाम...

रायपुर आर.एस.पी.एल. लिमिटेड में सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर लोगों को जागरूक किया गया

सर्वोच्च छत्तीसगढ़ रायपुर । रायपुर आर.एस.पी.एल. लिमिटेड में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह जागरूकता अभियान का आयोजन आरएसपीएल लिमिटेड यूनिट रायपुर...

मैनपुर पुलिस ने नेत्र परीक्षण शिविर लगवाया और वाहन चालकों कि निशुल्क नेत्र परीक्षण किया गया – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

पत्रकार इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद मैनपुर । पुलिस प्रशासन ने विकासखंड के शासकीय सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र के सहयोग...

मैनपुर बाजारों में बिकने लगे हैं फूलों के पौधे – इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर । आज मैनपुर के बाजार में फूलों से भरे पौधे बिकने...

नवीन शासकीय महाविद्यालय में वार्षिक स्नेह सम्मेलन बड़ी धूमधाम से मनाया गया – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद मैनपुर । नवीन शासकीय महाविद्यालय में वार्षिक स्नेह सम्मेलन का आयोजन किया गया था...

सड़क सुरक्षा सप्ताह के चलते मैनपुर पुलिस प्रशासन ने आईटीआई के छात्र छात्राओं को दी जानकारियां – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ मैनपुर । आज पुलिस प्रशासन मैनपुर द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर...

यातायात सुरक्षा सप्ताह के तहत फिंगेश्वर पुलिस ने हाई स्कूल बेलर, सेंदर एवं ग्रामों में जाकर लगाया कैम्प – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद गरियाबंद/फिंगेश्वर। यातायात सुरक्षा सप्ताह के तहत चलाये जा रहे अभियान के तह त फिंगेश्वर...

मैनपुर पुलिस प्रशासन द्वारा कन्या हाई स्कूल में सड़क सुरक्षा को लेकर दी जानकारी – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ गरियाबंद/ मैनपुर - मैनपुर पुलिस प्रशासन द्वारा कन्या हाई स्कूल नाउमोड़ा में...

सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान देहारगुडा के स्कूलों में मैनपुर थाने के सुरेश निषाद व माधव साहू द्वारा सड़क सुरक्षा नियमों का निर्देशन दिया गया – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद गरियाबंद/ मैनपुर । मैनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम देहारगुडा के स्कूलों में श्रीमान सुरेश...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।