प्रिंस के दोनों आंख में संक्रमण से चलने फिरने में हो रहा है असमर्थ – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

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पत्रकार इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

मैनपुर। उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उदंती अभ्यारण्य राजकीय पशु वन भैसा के नाम से पुरे देश में विख्यात है लेकिन तेजी से घट रहे वन भैंसों की संख्या चिंता का विषय बनता जा रहा है, उदंती अभ्यारण्य में एक राजकीय पशु वन भैंसा प्रिंस पिछले एक माह से आंख में गंभीर चोट व संक्रमण बढने के कारण वन भैंसा को ठीक से दिखाई नही देने के कारण चलने फिरने में असमर्थ होता जा रहा है और तो और इस घायल वन भैसा के इलाज के लिए जंहा डब्लूटीआई नई दिल्लीे के डाॅक्टरों के साथ नंदनवन के डाॅक्टर लगातार दो से तीन बार उदंती अभ्यारण्य पहुचकर घायल वन भैसा का उपचार कर रहे है वही पिछले दिनों इस भैसा के इलाज के लिए हैदराबाद से भी डाॅक्टरो की टीम उदंती अभ्यारण्य पहुचा था, लेकिन अभी तक वन भैसा प्रिंस स्वस्थ्य नही हो पाया है और वन भैंसा की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है ,ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन भैसां के आंख में इन्फेक्शन के चलते वन भैंसा का आख से ठीक ठाक दिखाई नही दे रहा है जिसके चलते यह वन भैसा चारा चरने फिरने के दौरान अचानक गिर जाता है और धीरे धीरे कमजोर होता जा रहा है हालाकि वन विभाग द्वारा वन भैसा के उपचार के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी तक उन्हे सफलता नही मिल पाई है, मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण उदंती अभ्यारण्य के करलाझर नागेश ग्राम के आसपास इन दिनों आंख से घायल वन भैसा प्रिंस आसानी दिखाई दे रहा है ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घायल अवस्था वन भैसा काफी आक्रमक हो जाते है जिसके चलते ग्रामीणों में काफी दहशत देखने को मिल रहा है। वन भैसो की सुरक्षा और निगरानी को लेकर लगातार उठता रहा है सवाल उदंती अभ्यारण्य में राजकीय पशु वन भैंसा के संरक्षण और संवर्धन के लिए वन विभाग द्वारा रेस्क्यू सेंटर का निर्माण कर बाडे के भीतर वन भैंसों को रखकर इसका सरंक्षण और संवर्धन किया जा रहा है और लाखो ,करोडो रूपये अब तक खर्च किया जा रहा है और तो और वन भैंसों के गले में काॅलर आईडी लगाकर इसकी पल पल की खबर राजधानी में बैठे आला अधिकारियों द्वारा लिया जा रहा है और वन भैसों के सुरक्षा के लिए केयर टेकर भी नियुक्त किया गया है जो वन भैंसो के गतिविधियों की जानकारी वन अफसरों तक पहुचाते रहते है बावजूद इसके उदंती अभ्यारण्य में वन भैंसों के घायल होने और पिछले दो वर्षो में दो वन भैसों की मौत उनके सुरक्षा को लेकर कई सवाल खडे करती रही है लगभग दो वर्ष पूर्व मैनपुर से महज 06 किलोमीटर दुर बरदूला जंगल के पास एक वन भैंसा की लाश वन विभाग को उसके मृत्यू के चार दिन बाद पता चला था तब कई सवाल खडे हूए थे जब कि इस वन भैसे के गले में काॅलर आईडी भी लगा था और तहसील मुख्यालय के नजदीक वन भैसे की मौत की खबर चार दिनों बाद विभाग को पता चला था साथ ही एक वर्ष पहले एक राजकीय पशु वन भैसा जूगाडू की मौत घायल होने से इलाज के दौरान हो गई थी दो वर्ष के भीतर लगातार दो वन भैसों की मौत और कई वन भैसे के घायल होने की खबर लगातार मुख्यालय तक पहुचती रही है जो वन विभाग द्वारा वन भैसों के सुरक्षा के प्रति किए जा रहे दावों पर प्रश्न चिन्ह और सवाल खडे करते रही है। एक वन भैसा रामू पांच वर्षाे से उदंती से हो चुका है गायब, अब नही खोज पाई विभाग उदंती अभ्यारण्य के संरक्षित जंगल से एक राजकीय पशु रामू वन भैसा पिछले 05 वर्षो से गायब है, लेकिन अब तक वन विभाग इस वन भैसा की खोज खबर नही ले पाई है जो वन विभाग द्वारा वन भैेंसों के सुरक्षा और निगरानी को लेकर किए जा रहे सभी दावों को पोल खोलने के लिए काफी है आखिर रामू वन भैसा गया तो गया कहा वन विभाग के स्थानीय अधिकारी लगातार इस गायब हो चुके रामू वन भैसा को लेकर सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में होने का दावा कर अपना पल्ला झाडते रहे है लेकिन सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र के अधिकारियों ने दो वर्ष पहले ही रामू वन भैंसा के सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र में नही होने की पुष्टि किया जा चुका है
अब सवाल उठता है कि इतना महत्वूपर्ण राजकीय पशु वन भैसा जिसके दुर्लभता के चलते छत्तीसगढ राज्य निर्माण के बाद इसे राजकीय पशु का दर्जा दिया गया ऐसे महत्व पूर्ण वन भैंसा उदंती अभ्यारण्य से गायब हो जाए और 05 वर्षो बाद भी विभाग इसका पता न कर पाए तो यह विभाग के उदासीन रवैये को बताने के लिए काफी है आखिर इस गायब वन भैंसा को लेकर अब तक क्यों जिम्मेदारी तय नही कि गई यह भी एक बडा सवाल क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के द्वारा समय समय पर उठाया गया है बावजूद इसके इस मामले में विभाग के आला अफसरो ने कोई कार्यवाही नही किया जाना समझ से परे है । क्या कहते है डब्लू टी आई के डाॅक्टर
डब्लू टी आई नई दिल्ली के डाॅक्टर आर.पी.मिश्रा ने नवभारत को चर्चा में बताया कि प्रिंस वन भैसा के एक आंख बाया पहले से खराब हो गई, लेकिन दाया आंख में भी संक्रमण फैलने से उसका इलाज किया जा रहा है यह वन भैंसा का उम्र 12 वर्ष के आसपास है, श्री मिश्रा ने आगे बताया कि घायल प्रिंस वन भैंसा के आंख के इलाज के लिए हैदराबाद से भी विशेषज्ञों और डाॅक्टरों की टीम पहुचे हुए थे लगातार इलाज जारी है।
डाॅ .आर.पी मिश्रा डब्लू टी आई नई दिल्ली उदंती अभ्यारण्य के वन परिक्षेत्र अधिकारी टी.आर.नरेटी ने बताया कि प्रिंस वन भैंसा के आंख का इलाज लगातार जारी है, और रामू वन भैंसा जो उदंती अभ्यारण्य से गायब हो गया है इसकी खोज खबर के लिए पूर्व में सीतानदी अभ्यारण्य के अधिकारियों से सम्पर्क किया गया था लेकिन वन भैंसा कहा है इसकी अधिकृत जानकारी विभाग को भी नही है।
टी.आर.नरेटी वन परिक्षेत्र अधिकारी उदंती अभ्यारण्य

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