शिवशंकर सोनपिपरे

मंत्री जयसिंह अग्रवाल क्यो कर रहे है पत्रकारो से बदजुबानी….

कोरबा : राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इस बार छठ पूजा में मंत्री से बाईट लेने...

एबीवीपी के मनीष चुने गए अध्यक्ष एवं समीर सेन बने मंत्री- इतेश सोनी

मैनपुर-तहसील मुख्यालय मैनपुर में शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक आयोजित की गई जिसमें सहसंयोजक अनंत सोनी उपस्थित...

बैंकॉक में RCEP समझौते पर हस्‍ताक्षर करेंगे पीएम मोदी, जानें भारत में क्‍यों हो रहा है इसका विरोध?

नई दिल्‍ली.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बैंकॉक (Bangkok) में 16वें आसियान सम्‍मेलन (ASEAN summit) में हिस्‍सा ले रहे हैं. भारत...

सोनिया गांधी के पत्र पर अमित जोगी ने ट्वीट कर कांग्रेस बोला हमला…

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) (JCCJ) के प्रदेश अध्यक्ष (State President) अमित जोगी (Amit Jogi)...

Inside Story: एक अफवाह ने तीस हजारी कोर्ट में करा दिया इतना बड़ा तांडव, घंटों सुलगती रही दिल्ली

नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में शनिवार दोपहर पुलिस (Police) और वकीलों (Lawyers) के...

ईलाज के दौरान हुई तेंदुएं की मौत, 4 दिनों से फैला रखा था आतंक- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद गरियाबंद- जिले में बीते 4 दिन से खरहरी गांव में आतंक मचाने वाला और लोगों...

भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन 2019 में आस्था के शिक्षक व चार विद्यार्थियों का चयन हुआ

भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान उत्सव (आईआईएसएफ) जो विकसित राष्ट्र की ओर विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए भारत का...

GDP विकास का पैमान नहीं होता, पहली बार लगा छत्तीसगढ़िया सरकार है: CM भूपेश बघेल

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस (Chhattisgarh Foundation Day) पर तीन दिवसीय राज्योत्सव (Rajyotsava) का आगाज राजधानी रायपुर (Raipur) में हो...

विदेशी लड़के की फेक फेसबुक आईडी बनाकर लड़की से की दोस्ती, फिर ठगे लाखों रुपये

दंतेवाड़ा. दिल्ली (Delhi) के युवक सतेंद्र गुप्ता ने विदेशी युवक बनकर फेसबुक (Facebook) पर फेक आईडी (Fake ID) बनाई. फिर...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।