Inside Story: एक अफवाह ने तीस हजारी कोर्ट में करा दिया इतना बड़ा तांडव, घंटों सुलगती रही दिल्ली
नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में शनिवार दोपहर पुलिस (Police) और वकीलों (Lawyers) के बीच हुई झड़प (Scuffle) मात्र एक अफवाह से शुरू हुई. देखते ही देखते हंगामा इतना बढ़ गया कि 28 पुलिसकर्मी और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जाता है कि अफवाह थी कि पुलिसवालों की गोली से एक वकील की मौत हो गई है. इस अफवाह के बाद वकील बेकाबू हो गए और पुलिसकर्मियों के साथ उनकी तीखी नोंकझोक हो गई. इस हंगामें में 17 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.
विवाद थमने के बाद दोनों पक्षों के बीच देर शाम तक बैठक का दौर जारी रहा. मामले की गंभीरता को दखते हुए जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई है. बताया जाता है कि कोर्ट परिसर में किसी ने अफवाह फैला दी कि पुलिस की गोली से एक वकील की मौत हो गई है. इस बात से नाराज गुस्साए वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया. आरोप है कि वकीलों ने हंगामे के दौरान कई गाड़ियों में आग लगा दी साथ ही पुलिस अधिकारियों के साथ मारपीट भी की.
दोनों पक्षों की ओर से कराई गई FIR
तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को हुए हंगामें के बाद दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज करा दी गई है. पुलिस और वकीलों की तरफ से 186, 353, 427, 307 के तहत क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई गई है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक दोनों पक्षों (पुलिस और वकीलों) से प्राप्त शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई. इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई है.
पुलिसकर्मियों और वकीलों के कपड़े तक फट गए
पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच हुई झड़प में 12 से अधिक पुलिसकर्मी और वकीलों के कपड़े और वर्दी फट गई. इस दौरान 15 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है. इस दौरान एक पीसीआर वैन को भी आग के हवाले कर दिया गया है. जेल वैन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. बताया जाता है कि इस पूरे हंगामे का वीडियो और फोटो बना रहे दर्जनों लोगों के मोबाइल छीनकर तोड़ दिए गए थे.
वकीलों के साथ बार काउंसिल ऑफ दिल्ली
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष के सी मित्तल ने कहा, ‘हम तीस हजारी अदालत में पुलिस द्वारा वकीलों पर बर्बर और बिना किसी उकसावे के हमले की कड़ी निंदा करते है. एक वकील की हालत नाजुक है. हवालात में एक वकील को पीटा गया. पुलिस ने घोर लापरवाही दिखाई. उन्हें बर्खास्त करना चाहिए और उनपर मुकदमा चलना चाहिए. हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं.’
असम बार काउंसिल की सदस्य पर पुलिस ने किया हमला
असम बार काउंसिल की सदस्य खुशबू वर्मा कुछ काम से वहां आयी थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनपर हमला किया. उन्होंने दावा किया, ‘एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी.’