शिवशंकर सोनपिपरे

इस शहर में खुला देश का पहला गार्बेज कैफे, प्लास्टिक के बदले मिलेगा भरपेट खाना

अंबिकापुर. पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश में सिंगल...

रायपुर : फोटो : मुख्यमंत्री निवास में जनचौपाल भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों और प्रतिनिधि मंडलों से कर रहें हैं मुलाकात…

मुख्यमंत्री निवास में जनचौपाल भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों...

सरकारी व नजूल भूमि नहीं रही सुरक्षित

राजस्व अमले की लापरवाही से अवैध कारोबारियों की बल्ले-बल्लेपीडब्ल्यूडी कालोनी के पास सरकारी भूमि हो गई चटचांपा। शहर में ंसरकारी...

गांधी सेवा समिति ने दिया लोक कलाकारों. मेधावी छात्रों साहित्य कार एवं पत्रकारों को गांधी सेवा सम्मान

रायपुर. धमतरी. गांधी जयंती के अवसर पर ग्राम खपरी मे सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को प्रसस्ती...

रायपुर : देश को अहिंसा के जरिए आजादी दिलाने के साथ समाज को जोडने का काम किया महात्मा गांधी ने – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल : गांधी विचार पदयात्रा के तीसरे दिन भखारा में आमसभा को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए मार्ग पर चलने...

रायपुर : मुख्यमंत्री ने भखारा में महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण किया : लगभग 28.22 करोड़ के 17 कार्यों का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज शाम धमतरी जिले के ग्राम भखारा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण...

कुर्मि क्षत्रिय महिला समाज द्वारा रास गरबा का आयोजन

भिलाई। छत्तीसगढ़ी कूर्मि क्षत्रिय समाज के तत्वावधान एवं छत्तीसगढ़ी कूर्मि क्षत्रिय महिला समाज के संयोजन में दो दिवसीय रास गरबा...

महाराणा प्रताप भवन में नवरात्रि पर्व पर विभिन्न कार्यक्रम

भिलाई। नवरात्रि पर्व के दौरान क्षत्रिय कल्याण सभा भिलाईनगर द्वारा महाराणा प्रताप भवन परिसर में चित्रकला, रंगोली व मेंहदी स्पर्धा...

35 सालों से चली आ रही दुर्गा स्थापना की परंपरा

जांजगीर से लगे ग्राम खोखरा के देवांगन चौक में विराजी मां दुर्गाजांजगीर-चांपा। कहते है आस्था का दीप जलाए रखना बहुत...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।