क्षतिपूर्ति अग्रिम वसूली, प्रोजेक्ट रिवाइज कराया, फिर भी अटकाई एनओसी

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भिलाई। भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र में तीन स्थानों पर फोरलेन क्रॉस करने एवं पैरलल में छह किमी मेन पाइप लाइन बिछाने के लिए अनुमति की फाइल राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने एक साल से अटका रखी है। इस दौरान एनएच ने 71 लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति अग्रिम वसूला और प्रोजेक्ट में फेरबदल भी कराया। अनुमति के अभाव में 14 ओवर हेड टैंक को जोड़ने का काम अटका गया है। वहीं पूरे प्राजेक्ट में छह माह से भी अधिक विलंब संभव है। इस सूरत में आगामी गर्मी में पानी के लिए निगम क्षेत्र में हाहाकार मचना तय है।भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र के सभी 40 वार्डों में पेयजल के लिए राज्य शासन ने कुल वृहद पेयजल योजना को स्वीकृति दी थी। इस योजना पर बीते दो साल से काम चल रहा है। इसे दिसंबर 2017 तक पूरा करना प्रस्तावित किया गया है। योजना के तहत निगम के 81 किलोमीटर क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा होने की स्थिति में है। इस योजना की बड़ी बात यह है कि सारा काम निगम द्वारा पीएचई के माध्यम से न कराते हुए सीधे ठेका एजेंसी से कराया जा रहा है। पूरी योजना को निगम 13 अलग अलग पैकेज में बांट कर काम करा रही है, ताकि सारा काम समय पर हो सके।

कलेक्टर ने की थी पहल

भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र को रेल लाइन एवं फोरलेन ने दो हिस्सों में बांट रखा है। कॉलोनी व पुरानी बस्ती की बसाहट ऐसी हो गई है कि मेन पाइप लाइन बिछाने फोरलेन के किनारे के अलावा कोई अन्य जगह नहीं रह गई है। निगम द्वारा सारे प्रयास करने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पाया तो बीते वर्ष सितंबर में तत्कालीन कलेक्टर आर संगीता ने पीडब्ल्यूडी, राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) एवं निगम के अधिकारियों के साथ संयुक्त सर्वे किया था। इसके बाद तय हुआ था कि फोरलेन के मेन कैरिज वे एवं सर्विस रोड के किनारे सोल्डर वाली जगह का उपयोग पाइप लाइन बिछाने के लिए किया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर की पहल पर आनन फानन में प्रस्ताव बनाकर एनएच, रायपुर के माध्यम से दिल्ली मुख्यालय भेजा गया था।

पहले मांगा डिमांड, फिर प्लान चेंज कराया

निगम द्वारा दिए गए ड्रांइग के आधार पर एनएच के स्थानीय कार्यालय के द्वारा संभावित क्षतिपूर्ति का आंकलन किया। इस आधार पर 71 लाख रुपए का डिमांड नोट जारी किया। निगम प्रशासन द्वारा इस राशि को जमा भी करा दिया गया। इसके एक माह के बाद दिल्ली मुख्यालय से फाइल इस आपत्ति के साथ वापस भेज दी गई कि मेन लेन व सर्विस लेन के बीच के सोल्डर को नहीं दिया जा सकता। सर्विस रोड व ड्रेनेज के बीच की जगह के लिए नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर भेजें। इसके बाद निगम ने छह किमी मेन राइजिंग लाइन के बिछाने के प्रस्ताव को नए सिरे से बनाकर बीते 13 जून को दिल्ली भेजा। इसके बाद तीन होने को है परन्तु अब तक एनएच ने किसी तरह की स्वीकृति नहीं दी। अब निगम रिमांडर भेजने की तैयारी में है।

दावा 80 फीसदी काम पूरा

निगम प्रशासन का दावा है कि पेयजल योजना का वर्तमान में फोरलेन वाला पार्ट छोड़कर शेष काम वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से सभी वार्डों के पानी टंकी तक मेन पाइप लाइन बिछाने का काम 80 फीसदी पूरा हो गया है। 27 एमएलडी क्षमता के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगभग तैयार है। इसके अलावा अमलेश्वर में खारून नदी पर इंटकवेल का काम भी पूरा हो गया। केवल वार्डों में ब्रांच लाइन बिछाने का काम चल रहा है।

तीन स्थानों पर क्रॉस भी

सिरसा में बने मेन ओवरहेड टैंक से 19 ओवरहेड टैंक को जोड़ना है। इसके लिए फोरलेन के नीचे से तीन स्थान डबरा पारा, समता कॉलोनी एवं सिरसा गेट चौक के पास पाइप निकालना प्रस्तावित है। सिरसा गेट चौक के पास रेल लाइन पार करने रेलवे ने निगम को अनुमति दे दी है परन्तु एनएच ने इसके लिए भी मामला अटका रखा है। वहीं डबरा पारा से भिलाई-3 होते हुए चरोदा तक फोरलेन किनारे पाइप बिछाई जानी है।

पानी के लिए हाहाकार मचना तय

एनएच की देरी से योजना छह माह पीछे खिसक गई। ऐसे में निगम क्षेत्र की आबादी को आगामी गर्मी में खारून का पानी नहीं मिल पाएगा। वर्तमान में निगम क्षेत्र के सभी 40 वार्ड में भूमिगत जलस्त्रोत से पानी की आपूर्ति होती है। बीते गर्मी में कई वार्डों में पानी की किल्लत रही। पहली बार कई वार्डों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति करनी पड़ी। वहीं 50 से अधिक बोर फेल हुए। इस बार अब तक बारिश भी ठीक से नहीं हुई। ऐसे में पानी के लिए हाहाकर तय है।

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