2003 व 2008 पीएससी की जांच कराने का साहस करें डा रमन सिंह : रूपेश

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राजनांदगांव

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के द्वारा पीएससी मामले की सीबीआई जांच के पत्र को पूरी तरह से नौटंकी करार देते हुए कहा कि सीबीआई जांच के लिखे पत्र में सीबीआई से निष्पक्ष जांच की मांग पूरी तरह से हास्यास्पद बताते हुए कहा कि इससे  यह प्रमाणित हो रहा कि उन्हे भी भरोसा नही है की सीबीआई भी निष्पक्ष जांच करेगी ?

प्रवक्ता दुबे ने कहा कि डॉ रमन सिंह जी मात्र राजनैतिक उपस्थिति दर्ज कराने के वाला नौटंकी रूपी कदम है अब जब पीएससी का मामला उच्च न्यायालय में लंबित है तो ऐसी स्थिति में भी डा रमन सिंह इस मामले पर सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं व अपने 15 वर्षीय कार्यकाल में 2003 के एवं 2008 के पीएससी की भी सीबीआई जांच के लिए पत्र लिखे।

छग कांग्रेस की सरकार ने 2003 में पीएससी परीक्षा आयोजित की थी पश्चात सम्पूर्ण प्रक्रिया रमन सिंह के  कार्यकाल में हुई किंतु आपकी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही युवाओं के साथ घोर अन्याय करते हुए आपने तो पीएससी परीक्षा ही समाप्त कर दी थी जिससे प्रदेश के युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया था। छ ग के युवा पीएससी परीक्षा से आयु बाधा (एजबार) के कारण वंचित हो गए थे तब छ ग के युवा अपने हक अधिकार के लिए सड़क पर उतरे और राजधानी रायपुर में ऐतिहासिक महारैली आपके सरकार के खिलाफ हुई तो उन्हें आपकी प्रशासनिक आतंकवादी रवैए ने युवाओं को अभिरक्षा तक में रख उन्हे अनको यातनाएं दी। अंतत: युवाओं की जीत और आपके सरकार की नैतिक हार हुई ।

2008 में पीएससी की परीक्षा घोषित हो पाई लेकिन आपके कुशासन से 2008 की परीक्षा में हुई भ्रष्टाचार जगजाहिर है 2003 से 2008 तक 5 साल युवाओं को भूल गये। यदि उसी समय पीएससी सहित पीएससी के माध्यम से हुए सभी परीक्षाओ की सीबीआई जांच करा देते तो आप अपने युवा हितैषी होने का प्रमाण होता।

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