बाघ के नाम से पैसा हजम कर ए.सी. रूम में सोये है वन विभाग के अधिकारी , जंगलो में लगी है भयंकर आग, आग से जीव जन्तु वन औषधिया जलकर हो रहे है राख – सर्वोच्य छत्तीसगढ़ न्यूज

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बाघ के नाम से पैसा हजम कर ए.सी. रूम में सोये है वन विभाग के अधिकारी , जंगलो में लगी है भयंकर आग, आग से जीव जन्तु वन औषधिया जलकर हो रहे है राख – सर्वोच्य छत्तीसगढ़ न्यूज

रायपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कोई भी बाघ नहीं है यह बात स्थानीय रिसर्चरो के रिसर्च से प्रमाणित हो चुका है | बाघ नहीं होने पर भी वन विभाग ने बाघ के संरक्षण संवर्धन में 30 करोड़ से भी जादा की राशि खर्च कर चुका है परन्तु आज तक वन विभाग को बाघ का कोई भी प्रमाण नहीं मिल पाया है | बाघ के संरक्षण संवर्धन के लिए शासन से मिलने वाली सम्पूर्ण राशि वन विभाग के अधिकारियों ने हजम कर लिया है | वन विभाग में भ्रस्ट्राचार का यह आलम है की जंगलो में आग बुझाने के लिए प्राप्त अग्नि सुरक्षा कार्य की राशि को भी वन विभाग के अधिकारी ने पूरा का पूरा ही हजम कर लिया है | नियमत: अग्नि सुरक्षा कार्य की राशि को जंगलो में लगी आग को बुझाने के लिए उपयोग किया जाना था परन्तु यह राशि भी भ्रत्राचार की भेट चढ़ गयी है | वन मंडल गरियाबंद और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलो मे इस वर्ष सबसे ज्यादा आगजनी की घटनाए सामने आई है , भले ही वन विभाग सेटेलाईट के माध्यम से जंगल में लगने वाली आग पर निगरानी रखने की दावा कर रहे है लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही बया कर रही है जो जंगल क्षेत्र में जाने के बाद ही पता चलता है | जंगल की आग बुझाने के लिए कोई भी अधिकारी जंगल में झांकने तक नहीं जाता है वो अपने एसी रूम में आराम फरमाते रहते है | आगजनी की घटना को रोकने के लिए अब तक विभाग के पास कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है और तो और आग को बुझाने के लिए कोई खास तकनीकी सुविधा भी नहीं है। आज भी पुराने पध्दति बांस की कर्मचारियों से आग को बुझाने का कार्य किया जा रहा है

वन्य प्राणियों के जान पर आफत बन आई है

पूरे क्षेत्र के जंगलो मे जगह जगह आग लगने से वनऔषधियों व वन्य जीव के जान पर आफत बन आई है। इन दिनों बेतहाशा गर्मी के साथ जंगलो मे लगी आग से बचने के लिए जीव जन्तु तितर बितर होकर ग्रामीण क्षेत्रो के तरफ आ रहे है। आग से जंगल के अंदर पेड़ पौधो के साथ छोटे छोटे जीव जन्तु इनकी चपेट मे आ रहे है। जंगलों मे लगे आग के कारण राख मे तब्दील हो रहे वन औषधियों व किमती पेड़ पौधों को बचाने के लिए वन विभाग का रवैया सुस्त व अधर मे पड़ते दिखाई दे रहा है वनों में लगे आग को बुझाने के लिये कोई ठोस पहल नही की जा रही है। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र, बफर जोन,तौरेंगा, इंदागांव के जंगलो मे जगह जगह आग के चलते वन्यप्राणियों की शामत आ गई है जिससे वे मुख्य मार्गो से होकर गांवो की तरफ रूख कर रहे और इन दिनो गांवो के आसपास नदी तालाबो मे सुबह और शाम के वक्त हिरण, सांभर, भालू, सिंहार, लकड़ बघ्धा एवं बंदरो की झुंड आसानी से दिखाई दे रहे है जिसके कारण वन्यजीवो के अवैध शिकार की भी संभावना बढ़ गई है।

जंगलों को आग से बचाने कार्यशाला आयोजित कर वन विभाग लाखों रूपये करता है हजम

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के तौरेंगा, कोदोमाली, गोना, कोकडी, खरताबेडा, गोना, भुतबेडा, कुचेंगा, कोयबा, बुडगेलटप्पा, डुमाघाट, अडगडी, तेन्दुछापर गोबरा, जांगड़ा जुगांड़, साहेबिन कछार, करलाझर नागेश एवं उदंती अभ्यारण्य के जंगलों के अंदर जगह जगह आग लगी हुई आसानी से दिखाई दे रही है। हर वर्ष गर्मी के सीजन प्रारंभ होते ही क्षेत्र के जंगलो मे आग लगना आम बात है, जबकि विभाग द्वारा सेटेलाइट माध्यम से जंगल मे आग लगने पर निगरानी किये जाने की बात कही जाती है लेकिन बजट के अभाव मे विभाग द्वारा अन्य वर्षो की तुलना मे इस वर्ष जंगल को आग से बचाने फायर वाचर की तैनाती पर्याप्त मात्रा मे नही की गई है जिसके चलते कीमती वनोपज के साथ कीमती पेड़ पौधे व छोटे छोटे जीव जन्तु आग की चपेट मे आ रहे हैं | हर वर्ष जंगल को आग से बचाने के लिए विभाग द्वारा कार्यशाला आयोजित कर तरह तरह के प्रशिक्षण दिये जाते है और लाखो रूपये खर्च करने की बात कही जाती है लेकिन धरातल मे ऐसा कुछ भी दिखाई नही देती है। आग की तपन मुख्यमार्ग मे ही महसूस की जा सकती है। मैनपुर देवभोग मार्ग पर व पहाड़ो के जंगल मे आग लगने के कारण धुआं पूरी तरह छाया रहता है जिससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र का जंगल आग की लपटों में किस प्रकार घिरा है। जंगल में आग लगने के बाद कई जगह तो सिर्फ राख ही राख नजर आ रहे हैं जिससे वन्य प्राणियों के सामने चारे की भी समस्या उत्पन्न हो गई है।

कथन

“वन विभाग के एस.डी.ओ. मनेन्द्र सिदार ने कहा जहां भी आग लगने की जानकारी मिलती है विभाग के अधिकारी कर्मचारी पहुंचकर तत्काल आग पर काबू पाया जाता है और जंगल के सुरक्षा के लिये पर्याप्त फायर वाचर अग्नि दस्ता की तैनाती की गई है लगातार जंगल की मानीटिरिंग किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया जंगल के अंदर नदी नाले पोखर सूख रहे है लेकिन झरिया खोदकर पानी की व्यवस्था किया जा रहा हैं”

मनेन्द्र सिदार एस.डी.ओे. वनविभाग

“वन विभाग भ्रस्ट्राचार का गढ़ बन गया है | वन और वन प्राणियों के संरक्षण के लिए आई राशि को अधिकारी स्वयं अपना कार्य में उपयोग करते है | जल्द ही वन विभाग के खिलाफ बड़ा आन्दोलन किया जाएगा”

भोजलाल नेताम – नेता कम्युनिस्ट पार्टी

“वन विभाग के भ्रस्ट्राचार के बारे में आम जनता की तरफ से बड़े पैमाने पर शिकायते मुझे मिली है | म,अं शासन को वन विभाग के अनियमितता से अवगत कराउंगा” – भोला जगत , ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष

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