छत्तीसगढ़

देवभोग बीईओं को हटाने जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर को सौपा गया ज्ञापन- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। अजा/अजजा संयुक्त मोर्चा के जिला कार्यकारणी अध्यक्ष धनसिंह मरकाम के नेतृत्व मंें जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्मृति...

मड़ाई मेला ग्रामीण संस्कृति की पहचान व छत्तीसगढ़ी परम्परा का पर्व – चंद्रशेखर साहू

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द मड़ई मेला ग्रामीण संस्कृति की पहचान व छत्तीसगढ़ी परम्परा का पर्व , राम - लखन...

विधायक का पुतला दहन करना पड़ा,बड़ा महंगा , पार्टी से किया निलंबित , दिखाया बाहर का रास्ता

उरेन्द्र साहू गरियाबन्द पत्रकार गरियाबन्द | कुछ ही दिन पहले ब्लॉक अध्यक्ष की निवक्ति के चलते विधायक पुतला दहन मामले...

यामिनी तिवारी बनाई गई गरियाबंद जिला के जिलाध्यक्ष ब्राह्मण समाज युवा प्रकोष्ठ – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। छ.ग.प्रांत.अखण्ड ब्राह्मण समाज छ.ग.युवा प्रकोष्ठ का विस्तार करते हुए प्रदेशाध्यक्ष यशस्वी पं.ऐस्ट्रो योगेश तिवारी जी की स्वीकृति...

ग्राम पंचायत भैसमुड़ी मे 1 महीना से बिजली न होने से अंधेरा मे जुझरहे ग्रामीण – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर - ग्राम पंचायत भैसमुड़ी मे 1 महीना से 40 -45 घर मे बिजली नही जलने समस्या...

भालू के शावक को कुत्तों ने दौडाया, ग्रामीण ने कुत्तों से भालू के बच्चें की जान बचाई, और दी इसकी वन विभाग को जानकारी – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। मामला उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेतउदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र तौरेंगा अंतर्गत ग्राम छिन्दभर्री जंगल...

अपनी विफलता छुपाने केंद्र पर आरोप लगाना बंद करे राज्य सरकार..

बालोद–भारतीय जनता पार्टी के द्वारा विधानसभा स्तरीय बैठक गुरुर के स्थानीय भवन भाजपा कार्यालय में रखी गई थी प्रभारी के...

देवभोग परिक्षेत्र में वनों की हो रही अंधाधुंध कटाई,अधूरी कार्यवाही कर वाहवाही लूटने मीडिया स्टंट कराता है वन विभाग – इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

इतेश सोनी गरियाबंद:- देवभोग क्षेत्र का जंगल लगातार कम होता जा रहा है और पेड़ों के स्थान पर खेत आकार...

प्राथमिक शालाओं में ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अमलीपदर ललिता यादव जी के द्वारा सूखा राशन का वितरण किया जा रहा ।

आयुष दुबे अमलीपदर । शासकीय प्राथमिक शाला कुरलापारा अमलीपदर में सुखा राशन वितरण श्रीमती ललिता यादव अध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस कमेटी...

नवरंगपुर सीमा पर चार पहिया आवाजाही वाले सभी रास्तो पर पुलिस की तगड़ी निगरानी ,

उरेन्द्र साहू गरियाबन्द पत्रकार गरियाबन्द | अमलिपदर पुलिस ने आज ओड़िसा के नबरंगपुर को जोड़ने वाली तेलनदी के तट पर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।