देवभोग परिक्षेत्र में वनों की हो रही अंधाधुंध कटाई,अधूरी कार्यवाही कर वाहवाही लूटने मीडिया स्टंट कराता है वन विभाग – इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

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इतेश सोनी गरियाबंद:– देवभोग क्षेत्र का जंगल लगातार कम होता जा रहा है और पेड़ों के स्थान पर खेत आकार ले रहे हैं,जंगल कटने से वन प्राणियों का भी नुकसान हो रहा है,जंगल कटने के कारण उन्हें जंगल छोड़कर भागना पड़ रहा है। गौरतलब है कि इस समय जंगल में अंधा-धुन कटाई की जा रही है लेकिन वन विभाग लकड़ी चोरों द्वारा छोड़ी गई लकड़ी जब्त कर अपनी पीठ थपथपा रहा है। रेंज क्षेत्र के सागौन के जंगल का दायरा काम होता जा रहा है और इसके स्थान पर खेत आकार ले रहें हैं। जिस वन भूमि पर कभी घना सागौन का जंगल हुआ करता था अब वहां खाली मैदान पड़ा नजर आ रहे हैं।गौरतलब हो कि एक सहायक परिक्षेत्र अधिकारी,तीन कर्मियों के घेरा बन्दी के बावजूद भाग गया तस्कर,जप्त 5 नग सागौन स्लीपर भी किसी काम के नही थे।पिछले दो माह में हुई 4 कार्यवाही में तीन मामले में तस्कर को फरार बताया गया,एक मामला तो ऐसा भी था जिसमे विभाग ने लकड़ी चोर के बल्लियों से भरी ट्रैक्टर को छोड़ दिखाई थी दरियादिली।मीडिया स्टंट में माहिर रेंजर के कार्यवाही पर उठने लगा है सवाल सप्ताह भर पहले जिस धुपकोट जंगल से भारी संख्या में सागौन लकड़ी कटने का मामला सामने आया था,उसी इलाके के।पीठापारा ओड़िसा सीमा पर बीती रात सहायक परिक्षेत्र अधिकारी दिनेश पात्र के नेतृत्व में 4 लोगो की टीम ने सागौन स्लीपर तस्करी को रोकने कार्यवाही का दावा किया है।लेकिन इस कार्यवाही पर अब सवाल उठ रहा है।पकड़े गए 5 नग स्लीपर में 4 होल मारा हुआ बक्कल स्लीपर है,1 नग ही चिरान का ऊपरी स्लीपर है जो किसी भी काम मे उपयोगी नही होता ,ऐसे में इस अनुपयोगी स्लीपर को रिस्क लेकर तस्करी का सवाल ही नही उठता।कार्यवाही में वन विभाग ने आरोपी को वाहन सहित भाग जाना बताया है,जिसकी पता साजि की जा रही है।दुपहिया वाहन में अगर स्लीपर लाया जा रहा था,उसे रब्बड़, प्लास्टिक या किसी मजबूत रस्सी में बांधा गया होगा।वन विभाग के पकड़ में आते ही तुरन्त स्लीपर फेंक कर भाग जाना सम्भव नही है।जिस पीठापारा मार्ग पर तस्करी बताया गया वँहा एक मात्र आवाजाही के रास्ते है,ऐसे में भागने की कहानी मनगढ़त लगता है।मामले में विभाग के रेंजर नागराज मंडावी ने कहा की जो भी जानकारी चाहिए सोमवार को दफ्तर आइये अभी मैं गरियाबन्द जा रहा हूं।

साठ गाठ या तो अवैध कटाई पर पर्दा डालने बनाई गई कार्यवाही कि कहानी

उड़ीसा से लगे धुपकोट जंगल मे पिछले तीन माह में अन्धधुन्ध कटाई हुई है।200 से ज्यादा इमारती कटने के ताजा निशान मौजूद हैं।मामले की जानकारी जब रेंजर नागराज मंडावी को दिया गया तो वे मौका तक पहूँचे भी,वनों की दुर्दसा भी देखा।पर महज 8,10 पेड़ ही काटे जाने की बात कह लीपापोती कर दिया।हो सकता है इसी कटाई के मामले में कार्यवाही करने का संदेश अफसरों तक पहूचना चाह रहे होंगे।या फिर घटना की रात आरोपी के साथ साठ गाठ करे उसे व उसके वाहन को छोड़ दिया गया होगा।कार्यवाही में दिखाने रिजेक्ट स्लीपर को जप्ती बनाने का ढोंग किया गया होगा।

दो माह पहले विभागीय कर्मी के कैमरे में कैद हो चुकी थी करतूत

पकड़ना फिर छोड़ना,देवभोग परिक्षेत्र के लिए यह किस्सा पुराना है।स्लीपर के मामले में सांठ गांठ के अलावा कच्चे बल्लियों से भरे ट्रेक्टर पर भी साहब के मेहरबानी के किस्से काफी प्रचलित हुआ था। 29 अक्टूबर को अमलीपदर इलाके में गश्त के दरम्यान नवापारा के पास कच्ची बल्लियों से लदे ट्रेक्टर पर विभाग की नजर पड़ी।पहले तो जिम्मेदारी व वफादारी खूब बघारी गई,रात बढ़ते गई साहब भी नरम पड़ गए, पकड़ाई ट्रेक्टर,फिर विभाग की निगरानी में ही चोरी करने वाले के घर मे अनलोड भी हो गई,सारा नजारा खुद विभाग के एक कर्मी के मोबाइल में कैद भी हो रहे थे।फोटोग्राफी से अंजान रेंजर साहब ने लकड़ी चोर को आधी रार को क्लीन चिट दे दिया।माल व वाहन छोड़ अमला ड्यूटी निभाने फिर आगे बढ़ गया ।

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