छत्तीसगढ़

“सीख के सफल कार्यक्रम हेतु प्रशिक्षण का आयोजन”

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वर्तमान में शैक्षणिक संस्थायें पूर्णतः बंद है।कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर शालाएँ कब से...

हरियर छत्तीसगढ़ योजना से जुड़कर शासकीय महाविद्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया गया

शासकीय महाविद्यालय में वृक्षारोपण बालोद–शासकीय महाविद्यालय में ‘हरियर छतीसगढ़ योजना’ के अंतर्गत महाविद्यालययीन अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा महाविद्यालय परिसर...

डॉ अधिकारी के दिशा निर्देश में आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बैठक के दौरान स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया ।

बालोद–प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरुर, अरमरिकला, बोडरा ,पलारी जीवन दीप समिति की बैठक के अवसर पर समिति द्वारा पौधा रोपण किया...

डी ए वी स्कुल मैनपुर का सीबीएसई 10 वी व 12 वी बोर्ड परिक्षाफल रहा उत्कृष्ठ होनहार छात्र एवं छात्राओं ने अव्वल होकर स्कुल एवं परिवार का बढ़ाया मान – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद/मैनपुरः- बेटिया पढ़ेगी तभी इतिहास गढ़ेगी] जैसी स्लोक को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा बेटियों को शिक्षित होने प्रेरित...

9 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को आज से विटामिन ए की दवा पिलाई जाएगी. शिशु सरंक्षण माह का शुभारंभ

बालोद–विकास खंड गुरूर में शिशु संरक्षण माह का शुभारंभ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरूर के सभा कक्ष में क्षेत्र के सम्माननीय...

जिला गरियाबंद के कुरुसकेरा रेत घाट से रेत खनन जारी भंडारण कहीं और मगर चैनमोंटिंग नदी जिला खनिज विभाग और प्रशासन की संलिप्तता जगजाहिर – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

एनजीटी के नियमों के विरुद्ध चैनमोंटिंग नदी में डाल कर शुरू कर दिया खनन…भंडारण के लिए काटा गया पीटपास के...

कोरोना संकटकाल में ग्रामवासियों ने दिखाया पर्यावरण के प्रति जागरूकता साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण कर नेक कार्य किया

बालोद–ग्राम पंचायत मोहारा में पर्यावरण संवर्धन और संरक्षण करते हुए गौठान मैदान में वृक्षारोपण किया गया जिसमें कटहल पेड़ गुलमोहर...

बालोद–शासकीय नवीन महाविद्यालय गुरूर सत्र 2019 – 20 में अध्ययनरत समस्त नियमित छात्र छात्राओं की विश्वविद्यालय वार्षिक परीक्षा 2020 संबंधी कार्य संपादित करने के लिए महाविद्यालय द्वारा दिये गये

कालेज छात्र छात्राओं के लिए गूगल फार्म गूगल फार्म को भरना अनिवार्य है । सभी नियमित छात्र-छात्राओं को निर्देशानुसार सभी...

डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल मुंगझर का परीक्षा परिणाम रहा बेहतर प्रतिभा सुविधा की मोहताज नहीं साबित करता हुआ डीएवी का रिजल्ट – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद । सीबीएसई (CBSE ) 12वीं के परीक्षा परिणाम का इंतजार 12वीं के सभी छात्रों को बड़ी बेसब्री...

शिक्षक अभ्यर्थियों के आग्रह पर आज कोमल हुपेंडी ने अपना अनशन समाप्त किया लेकिन यह आंदोलन सतत जारी रहेगा- उत्तम जायसवाल आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़

19 जुलाई से आम आदमी पार्टी सभी जिलों में अनशन की शुरूआत करेगी-अनुषा जोसेफ प्रवक्ता आप आम आदमी पार्टी प्रदेश...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।