छत्तीसगढ़

खुला साट – सर्किट दुर्घटना को दे रही आमंत्रण , बिजली विभाग की लापरवाही

उरेन्द्र साहू पत्रकार गरियाबंद / फिंगेश्वर | तहसील मुख्यालय राजिम से लगभग 20 -22 किलोमीटर दूर ग्राम लोहरसी में गौठान...

मेघा तिवारी बनीं अखिल भारत हिन्दू महासभा ( पत्रकार सभा ) छतीसगढ़ की प्रदेश अध्यक्ष

इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़ । आज दिल्ली कार्यालय में अखिल भारत हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्षा सुश्री राज्यश्री चौधरी जी...

कोविड अस्पताल गरियाबंद में फिर गूंजी किलकारी – कोविड पाॅजिटिव महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया- इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

इतेश सोनी गरियाबंद । कोविड-19 से प्रभावित एक और प्रसूता ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। जिला अस्पताल गरियाबंद...

पाण्डुका थाना क्षेत्र के सभी कोटवारों की रखी बैठक , बताई समस्या

उरेन्द्र साहू पत्रकार गरियाबंद | पाण्डुका थाना में थाना प्रभारी बसन्त बघेल जी ने कोटवारों से मुलाकात कर बैठक का...

मैनपुर तहसीलदार को हटाने युवा कांग्रेसी मैनपुर द्वारा कलेक्टर के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन- इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

इतेश सोनी गरियाबंद । आज तहसील मुख्यालय मैनपुर में ब्लॉक युवा कांग्रेस मैनपुर ब्लॉक अध्यक्ष युवा कांग्रेस शाहिद मेमन के...

हत्या के आरोपी को किया गिरफ्तार. पुरानी रंजिश के चलते हुआ हत्या.

बालोद–जिले के थाना डौंडीलोहारा पुलिस द्वारा आज दिनांक 07.12.2020 को हत्या के आरोपी रिकेश कुमारपिता स्व. मंगलूराम जाति सतनामी उम्र...

एसडीएम श्रीमती अंकिता सोम ने मैनपुर क्षेत्र के दुरस्थ धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण कर दिया आवश्यक दिशा निर्देश- इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

इतेश सोनी गरियाबंद - मैनपुर के एसडीएम श्रीमती अंकिता सोम आज सोमवार को मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के दुरस्थ धान खरीदी...

टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल से दुर्लभ वन्य जीव पेंगोलियन की तस्करी करते तीन आरोपी पकड़ाये लंबे समय बाद तस्करो को पकड़ने वन विभाग की टीम को मिली बड़ी सफलता- इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर - उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र से काफी दुर्लभ प्रजाति...

संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय वॉलंटियर दिवस एवं विश्व मृदा दिवस पर ग्रीन केयर सोसायटी ने किया कार्यक्रम।

दंतेवाड़ा:-दिसंबर 5 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय वॉलंटियर दिवस एवं विश्व मृदा दिवस पर ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया द्वारा छत्तीसगढ़ के...

ग्राम घोघोपुरी में हुआ गौठान निर्माण कार्य का भूमिपूजन

बालोद –6 दिसंबर रविवार को ग्राम घोघोपुरी में संजारी-बालोद के पूर्व विधायक, लोकप्रिय नेता भैयाराम सिन्हा जी के मुख्य आतिथ्य...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।