छत्तीसगढ़

बांस करील परिवहन करते चार अपराधी दबोचे गये – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

मामला वन परिक्षेत्र कुल्हाडीघाट अंतर्ग त छिन्दौला जंगल का है, पकडे गये मोटर सायकल का राजसात की कार्यवाही कि या...

मैनपुर । शासकीय नवीन महाविद्यालय में उत्तर पुस्तिका वितरण प्रारंभ- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर गरियाबंद । शासकीय नवीन महाविद्यालय मैनपुर में परीक्षा केंद्र से वर्षिक परीक्षा 2020 में परीक्षार्थियों के लिये...

गुरुर को मिली 108 की नई एम्बुलेंस, विधायक संगीता सिन्हा ने दिखाई हरी झंडी

बालोद–बालोद जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में गुरुर को 108 की नई एम्बुलेंस की सौगात मिली...

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिन पर वृक्ष लगाकर किया सम्मान , महिलाओं को किया सम्मनित जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

राजिम | भारतीय संस्कृति को परमवैभव पर स्थापित करने वाले देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन...

डिपरापरा स्वरस्वती चौक लोहरसी में भगवान विश्वकर्मा जैंती धूमधाम से मनाया गया । जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

कोपरा | ग्राम पंचायत लोहरसी के डिपरापारा सरस्वती चौक में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान विश्वकर्मा जी...

पांडुका में एक ही परिवार के 5 निकले संक्रमित , खड़मा में 2 , मैनपुर में 1 , जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

गरियाबंद में 37 संक्रमित, नवापारा में आंकड़े डराने वाले , फिर मिले 50 गरियाबंद | छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में...

समस्यों के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा , साहू , जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

फिंगेश्वर | ग्राम पंचायत सिर्रीखुर्दा में 10 दिनों से बिगड़े हुए ट्रांसफार्मर को किसानों के फल पर जिला पंचायत सदस्य...

समस्यों के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा , साहू , जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

फिंगेश्वर | ग्राम पंचायत सिर्रीखुर्दा में 10 दिनों से बिगड़े हुए ट्रांसफार्मर को किसानों के फल पर जिला पंचायत सदस्य...

थाना गुरुर और चौकी कंवर द्वारा संयुक्त कार्यवाही…

अवैध शराब माफियाओं पर कसी गई नकेल.. आबकारी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध बालोद–छत्तीसगढ़ बालोद जिलान्तर्गत गुरुर थाना क्षेत्र में...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।