सिंचाई विभाग का बड़ा कारनामा. उजागर हो रहा है. पोल खोल..

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बालोद. छत्तीसगढ़ के जीवन दायनी नदी महानदी. जो किसानो के लिए सिंचित भूमि का वरदान है. बालोद धमतरी जिले के किसान इसी पर आधारित है. पर ये क्या हो रहा है. आम लोगों के बीच जनचर्चा का विषय है. महानदी जल प्रदाय योजना. खंड क्रमांक 38. सिंचित क्षेत्रों के लिए उत्तम पानी की सप्लाई के लिए शासन करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है. उसके बाद भी भारी भर्रा शाही. नजर आ रहे हैं. साल भर पहले लिंक नहर में करोड़ों रुपये खर्च कर नया निर्माण कार्य शुरू किया गया. निर्माण कार्यों को लेकर शुरू से ही शिकायत होती रही है. लेकिन निर्माण कंपनी द्वारा अपने मंसूबों को पूरा करते हुए किसी की एक नही सुनी. और घटिया सामग्री का खुल कर उपयोग किया गया. जिसका परिणाम है कि. बरसात के पहली पानी में ही करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया नहर जवाब दे गया. और घटिया निर्माण का पोल खुल गया. जब हमारे संवाददाता ने उक्त सम्बन्ध में कार्य स्थल पर जाकर बात किया तो बेहद ही चौकाने वाली बात सामने आई है. जहां पर नहर टूटा हुआ है. उस जगह को बोरी मे मिट्टी डालकर बनाया जा रहा था. नहर में पानी होने के कारण रिपेयरिंग कर पाना संभव नहीं है. लेकिन आज भी संशय में है लोग. आखिर नहर को कितने की लागत से निर्माण कराया गया है. वहीं एक विभागीय अधिकारी जो कि अभी हाल ही में रिटायर हुए हैं. जिनके देख रेख मे कार्य हुआ है. उन्हें भी नहीं पता कि लागत कितने की है. जो कि जांच का विषय है. वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया कि कार्य सही तरीके से नहीं हुआ है. ना सही मटेरियल का इस्तेमाल किया है. और ना ही. पालीथीन का इस्तेमाल किया है. और ना ही ज्वाइंट छोड़ा गया है. एयर के लिए जो जगह छोड़ा गया है. वो भी जर्जर हो गया है…

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