छत्तीसगढ़

मौत के बाद ऐसी दुर्गति,डॉक्टर ने इलाके का बहाना बता,पोस्टमार्टम करने से किया इंकार

गरियाबंद। इलाके की आड़ बता पोस्टमार्टम करने से साफ इंकार करने का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है। चिकित्सा...

पुलिस मुस्तैद , सड़के सुनी , लोग अपने घरों में कैद , ( जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू )

पाण्डुका | छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना संक्रमण के बड़े तेजी को देखते हुए कई जिलों में संपूर्ण लॉक डाउन किया...

गरियाबंद जिले में 27 कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि , क्षेत्र में दहशत , लॉकडाउन जारी ,जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

गरियाबंद | जिले में शनिवार को फिर 37 नये कोरोना पॉजिटिव मरीजो की पुष्टि हुई है । शाम 5 बजे...

छत्तीसगढ़ जनर्लिस्ट यूनियन के रायपुर संभाग अध्यक्ष शिवशंकर सोनपीपरे ने राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों की अनदेखी पर उठाए सवाल. गुंडागर्दी करने वालो को मिले आजीवन कारावास…

प्रदेश के सारे पत्रकार, विभिन्न संगठनों के साथीयों को एक मंच पर आना चाहिए. . रायपुर. कांकेर. कांकेर मे हुई...

मौत के बाद ऐसी दुर्गति,डॉक्टर ने इलाके का बहाना बता,पोस्टमार्टम करने से किया इंकार

गरियाबंद। इलाके की आड़ बता पोस्टमार्टम करने से साफ इंकार करने का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है। चिकित्सा...

गरियाबंद जिले के धार्मिक और पर्यटन स्थल जतमई – घटारानी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा |

गरियाबंद जिले के धार्मिक और पर्यटन स्थल जतमई - घटारानी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा | गरियाबंद |...

हाथियों ने ग्रामीणों को दौड़ाया, बाइक क्षतिग्रस्त, फसल रौंदी, घर भी तोड़ा

हाथियों ने ग्रामीणों को दौड़ाया, बाइक क्षतिग्रस्त, फसल रौंदी, घर भी तोड़ा मैनपुर | उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बफर...

अंतरराज्यीय गांजा तस्कर को थाना मैनपुर ने किया गिरफ्तार – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

10 कि0ग्रा0 मादक पदार्थ गांजा कीमती 01 लाख रुपया के साथ 01 आरोपी गिर फ्तार लॉक डाउन दौरान बिना नम्बर...

टाईगर रिजर्व के तौरेंगा वन परिक्षेत्र के शुक्लाभाठा जंगल में अवैध कटाई ग्रामीणों ने कहा शिकायत के बावजूद वन विभाग के अधिकारी नही दे रहे है ध्यान – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर। उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया तौरेंगा वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत गोना शुक्लाभाठा...

गरियाबंद में पुलिस कप्तान की सक्रियता से नक्सलियों का कम होता प्रभाव- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। गरियाबंद जिले में जब से गरियाबंद पुलिस कप्तान श्री भोजराम पटेल ने पद सम्हाला है तब से...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।