मौत के बाद ऐसी दुर्गति,डॉक्टर ने इलाके का बहाना बता,पोस्टमार्टम करने से किया इंकार
गरियाबंद। इलाके की आड़ बता पोस्टमार्टम करने से साफ इंकार करने का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है। चिकित्सा अधिकारी के गैरजिम्मेदाराना रवैया ने स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है। बता दे कि पाण्डुका थाना क्षेत्र के सरकड़ा गांव में करेंट लगने से आदिवासी समुदाय के 3 लोगो की मौत हो गई। मृत्यु पश्चात परिजनों ने पाण्डुका पुलिस की निगरानी में पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजिम ले गए,परिजनों ने शव को वाहन से नीचे उतार चीरघर भी ले गए किंतु यहाँ के चिकित्सा अधिकारी ने पोस्टमार्टम करने से इस लिए इंकार कर दिया कि उक्त मृतक के शव छुरा विकासखण्ड व पाण्डुका थाना क्षेत्र के थे। सर्व आदिवासी समाज जिलाध्यक्ष भारत दीवान ने भारी निवेदन भी किया कि उन्होने इस हस्तक्षेप की सूचना मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अलावा जिले के कलेक्टर को भी दिया। जिले के स्वास्थ्य अधिकारी ने भी राजिम के चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि मृतकों के पोस्टमार्टम करें किन्तु उनके निर्देशो का भी पालन नहीं हुआ। समाज प्रमुखों ने कोई समाधान नहीं निकलते देख शव को वापस पाण्डुका ले आए जहाँ उनका पोस्टमार्टम शाम को किया गया। चिकित्सा अधिकारी के इस तरह के व्यवहार से हर कोई छुब्ध है। उनके इस तरह के रवैये के बाद आदिवासी समाज सख़्त हो गए है। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष भारत दीवान ने मानवता से खिलवाड़ करने वाले राजिम के चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिए है। उन्होंने कहा कि सिस्टम की लापरवाही से तीन-तीन आदिवासियों की एक साथ मौत हुई है,ऐसे विषम परिस्थितियों में परिजनों के प्रति प्रशासन का रवैया सहानुभूति पूर्ण होना चाहिए किन्तु राजिम के चिकित्सा अधिकारी ने शव का पोस्टमार्टम करने से इंकार करते हुए अपमान किया है। या कहे मृतक के शव मौत के बाद भी गंदा सिस्टम का शिकार हुए है।
वर्सन-
फ़ोटो क्रमांक 001 सहित
भारत दीवान सर्व आदिवासी समाज गरियाबंद,,
आदिवासी समाज के तीन-तीन लोगों की अकाल मौत हुई है,परिजन और समाज के ऊपर मौत का पहाड़ टूटा है,परिवार और समाज दुखी है,ऐसे समय में स्वास्थ्य विभाग के गन्दा सिस्टम ने समाज को और परिवार को भारी गहरा दुख पहुचाया है। आदिवासी समाज की चिकित्सा अधिकारी उपेक्षा की है। ऐसे निर्दयी डॉक्टर के विरुद्ध मोर्चा खोला जाएगा।