गरियाबंद जिले के धार्मिक और पर्यटन स्थल जतमई – घटारानी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा |

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गरियाबंद जिले के धार्मिक और पर्यटन स्थल जतमई – घटारानी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा |

गरियाबंद | गरियाबंद जिला अपने प्राकृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रदेश ही नहीं  देश के पर्यटन मानचित्र पर एक अलग स्थान रखता है। यह वनांचल अपने सुरम्य वादियों, पर्वत, झरना, नदियों को अपने आप में समेटे हुए हैं | यहां पर पवित्र धार्मिक नगरी राजिम है, वहीं जतमई और घटारानी जैसे दो महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है | गरियाबंद जिला अपने प्राकृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रदेश ही नहीं देश के पर्यटन मानचित्र पर एक अलग स्थान रखता है। यह वनांचल अपने सुरम्य वादियों, पर्वत, झरना, नदियों को अपने आप में समेटे हुए हैं। यहां पर पवित्र धार्मिक नगरी राजिम है, वहीं जतमई और घटारानी जैसे दो महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है।

जतमई धाम स्थल गरियाबंद जिले में रायपुर से 85 किमी की दूरी पर स्थित है। जंगल के बीच खूबसूरत स्थलों के बीच है यह जतमई मंदिर। जतमई मां की पत्थर की मूर्ति गर्भगृह के अंदर रखा गया है। राजिम में इन दिनों राजिम माघी पुन्नाी मेला की धूम है। यहां पर विदेशी सैलानी भी पहुंच रहे हैं। यह मेला महाशिवरात्रि तक चलेगा। जिले के पर्यटन स्थल भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यहां के पर्यटन स्थल घने जंगलों से ढंकी है और यहां कल-कल बहते पानी की आवाज सुनना बहुत ही सुकूनदायक लगता है। यहां कल कल करते झरने बरबस ही लोगों का मन मोह लेते है। जतमई अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्घ है। प्रति वर्ष लाखों सैलानी यहां आते हैं और पिकनिक का लुत्फ उठाते हैं। यहां का झरना प्रसिद्घ है। यहीं लोग अपने आप को इसमें भीगने से रोक नहीं पाते। जतमई प्रकृति की गोद में बसा है यहां आकर आप पर्वत चढ़ने का भी मजा ले सकते हैं।

जतमई में एकदूसरे के ऊपर टिका है विशालकाय पत्थर

जतमई मार्ग पर और भी पर्यटक स्थल है यहां पास में छोटा सा बांध है यह पिकनिक स्पॉट भी है। जहां आप नहाने का भी मजा ले सकते हैं। छुरा ब्लॉक के जंगल स्थित जतमई पहाड़ी एक 200 मीटर क्षेत्र में फैला पहाड़ है, जिसकी ऊंचाई करीब 70 मीटर है. यहां शिखर पर विशालकाय पत्थर एक-दूसरे के ऊपर इस कदर टिके हैं, जैसे किसी ने उन्हें जमाया हो। जतमई में प्रमुख मंदिर के निकट की वादियां सबको आकर्षित करती हैं। बारिश के दिनों झरनों की रिमझिम फुहार इसे बेहतरीन पिकनिक की जगह बना देता है।

घटारानी में होती है नवरात्र की धूम

इसी तरह जतमई के नजदीक ही एक और स्थल है घटारानी मंदिर जो जतमई मंदिर से 15 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां भी एक बड़ा झरना है। जतमई मंदिर की तरह ही यहां भी ज्यादा उत्साह और भक्ति के साथ नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। यहां नवरात्रि की तरह विशेष उत्सव के मौकों पर एक सजावट देखते बनता है। मानसून के बाद यह यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है। मंदिर के निकट सुंदर झरना बहती है, जो इस जगह को और अधिक आकर्षक बना देता है। झरना इस गंतव्य को पूरे परिवार के लिए एक पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बनाने पूर्ण प्रवाह में है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले एक डुबकी लेने के लिए झरना सबसे अच्छी जगह है।

जिले में दो खूबसूरत जलप्रपात

बारिश के दिनों मंदिर के पास के झरनों की रिमझिम फुहार इसे बेहतरीन पिकनिक की जगह बना देता है। घटारानी मंदिर की भी बहुत मान्यता है। घटारानी प्रपात तक पहुंचने पर्यटकों के लिए पर्याप्त साधन हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए इन जगहों पर जाने का सबसे अच्छा समय अगस्त से दिसंबर तक है। जतमई और घटारानी गरियाबंद जिले के दो खूबसूरत जलप्रपात हैं, जो बरसात के मौसम में देखते ही बनते हैं। धार्मिक आस्था वाले लोगों के लिए यह तीर्थ भी है। यहां देवी मंदिर के साथ शिवलिंग भी है। यहां पहुंचने के लिए पक्की सड़कें हैं। जतमई धाम एवं घटारानी तक पहुंचने राजिम के साथ ही पाण्डुका से रास्ता है साथ ही छुरा की ओर से भी यहां पहुंचा जा सकता है।

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