छत्तीसगढ़

सम्मानित हुए वरिष्ठजन: अ.भा. अग्रवाल महिला सम्मेलन एवं लायंस परिवार का आयोजन

भिलाई। अखिल भारतीय अग्रवाल महिला सम्मेलन भिलाई शाखा एवं लायंस परिवार भिलाई गे्रट के संयुक्त तत्वाधान में वरिष्ट नागरिक दिवस...

बीएसपी के उप मुख्य अग्रिशमन अधिकारी सोनटके हुए सम्मानित

भिलाई। 14वाँं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो फायर इण्डिया 2019 में बीएसपी के उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी ए.आर.सोनटके सम्मानित। हाल ही...

प्रदेश का नाम रौशन करने पर निकिता को मुख्यमंत्री बघेल ने दी बधाई

ब्युटी सॉल्युशन पर आधारित पुस्तक की लेखिका है भिलाई की बेटी रायपुर । गाँधी जयंती के पूर्व संध्या पर 1...

प्लास्टिक मुक्ति दिवस पर निकली रैली

भिलाई। गुरु घासीदास शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोहका में 1 अक्टूबर को प्लास्टिक मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम...

लोक गायिका किरण चौहान का जगराता सम्पन्न

न्यू दुर्गा जन जागृति दशहरा उत्सव समिति का आयोजनभिलाई। न्यू दुर्गा जन जागृति दशहरा उत्सव समिति द्वारा खुर्सीपार अंडा चौक...

उतरदा जलाशय तटबंध में दरार, नवाडीह और जयंती नगर गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया

कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक पहुंचे उतरदा जलाशय, लिया स्थिति का जायजाकोरबा / पाली विकासखंड उतरदा ग्राम पंचायत के नजदीक स्थित...

घेराव के बाद मड़वाढ़ोढ़ा में टैंकर से हुई जलापूर्ति

कोरबा। खदान प्रभावित मड़वाढोढ़ा में मंगलवार को एसईसीएल प्रबंधन ने टैंकर से पानी आपूर्ति शुरू की है। इससे गांव में...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।