छत्तीसगढ़

DKS घोटाला: शासन डॉ. पुनीत गुप्ता को देगी विभागीय जांच के दस्तावेज, हाईकोर्ट का निर्देश

बिलासपुर. डीकेएस (दाऊ कल्याण सिंह) सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (DKS Hospital) में हुए करोड़ों के घोटाला मामले में बुधवार को हाईकोर्ट (High Court) ने...

आरसेप समझौता : खतरा अभी टला नहीं है — किसान सभा

छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS) ने असमानतापूर्ण और अन्यायपूर्ण आरसेप व्यापार समझौते से मोदी सरकार के पीछे हटने को इस प्रस्तावित...

गरियाबंद में 33 लाख रुपये की खाद डालकर 36 पौधे भी नहीं बचा पाए जिम्मेदार

गरियाबंद. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariaband) जिला पंचायत 33 लाख रुपये की खाद डालकर भी 36 पौधे (Plant) तैयार नहीं...

रायपुर – आतंकी ‘केमिकल अली’ ने परिजनों को भेजे थे 1 करोड़, बैंक अकाउंट की जांच करेगी पुलिस

रायपुर. सिमी आतंकी (Simi terrorist) अजहरुद्दीन उर्फ केमिकल अली (Azharuddin aka Chemical Ali) की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस की नजर...

रायपुर – SMS भेजकर मांगी अकाउंट और एटीएम कार्ड डीटेल, फिर खाते से पार किया 90 हजार

रायपुर. अगर आपके फोन पर कोई एसएमएस (SMS) आए और आपसे बैंक की डीटेल (Bank Detal) पूछे, तो बिल्कुल भी...

2 वर्षों के बाद भी नहीं मिली शौचालय निर्माण की राशि ग्रामीणों ने घेरा जनपद- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

मैनपुर। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 30 किलोमीटर दुर ग्राम पंचायत गोना के सैकड़ों महिला पुरूष ग्रामीणों ने सोमवार को...

06 नवम्बर को जैबून बेगम उमरा करने मक्का मदीना जाएंगे- इतेश सोनी

मैनपुर - मैनपुर नगर से उमरा करने साउदी अरब मक्का मदीना श्रीमती जैबून बेगम 06 नवम्बर दिन बुधवार को जाएंगे...

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने धान खरीदी के मुद्दे पर राज्य सरकार का समर्थन किया

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने धान खरीदी के मुद्दे पर राज्य सरकार का...

खिलाड़ियों का नहीं नशेड़ीओं का स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए नहीं है कोई सुविधा- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

विकासखंड मैनपुर के भाठीगढ़ में 39 लाख रुपए की लागत से 10-12 वर्ष पहले 4 एकड़ जमीन पर बनाया गया...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।